प्राइवेट स्कूल अपने स्कूलों में कोचिंग सेंटर चला रहे हैं, इसे लेकर एक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की ओर रुख किया, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार व सीबीएसई से इस पर जवाब मांगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से पूछा है कि स्कूलों में कोचिंग सेंटर चलाने पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। जानकारी दे दें कि कोर्ट ने पिछले हफ्ते पारित अपने एक आदेश में राज्य सरकार और बोर्ड को 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 अगस्त तय की है।
याचिकाकर्ता ने लगाया गंभीर आरोप
जानकारी दे दें कि जस्टिस एम सी त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने मनीष कुमार मिश्रा की ओर दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राज्य में निजी स्कूलों में कोचिंग सेंटर धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ कोचिंग एक्ट 2002 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की।
कोचिंग सेंटर चलाने पर रोक
याचिका के मुताबिक, सीबीएसई के 2019 सर्कुलर व राज्य के 2002 एक्ट में स्कूल व कॉलेज भवन परिसर में कोचिंग सेंटर चलाने पर रोक है। सीबीएसई ने संबंधित स्कूलों को अपने परिसर से ऐसी व्यवसायिक गतिविधि चलाने पर विशेष रूप से चेतावनी भी दी थी। सीबीएसई ने स्कूल के समय के दौरान अपने परिसर में समांतर कोचिंग सेंटर चलाने वाले कई स्कूल की शिकायत मिलने के बाद ये सर्कुलर जारी किया था।
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