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UP के एडेड स्कूलों का होगा कायाकल्प, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू

यूपी सरकार की तरफ से राज्य के एडेड स्कूलों के कायाकल्प की पहल की गई है। यूपी केइन विद्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सहायता प्राप्त विद्यालयों के कायाकल्प की पहल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना के बाद इन विद्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही एक मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिसमें छात्रों और कर्मचारियों के आधार और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को एकीकृत किया जाएगा। 

कई खूबियों से लैस होगा ये App

यह App जियो-टैगिंग और टीचिंग स्टाफ मॉड्यूल समेत कई खूबियों से लैस होगा। समाज कल्याण विभाग ने इसके विकास की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPLC) को सौंपी है। प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए UPLC ने पैनल में शामिल कंपनियों के चयन और कार्य आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और ई-टेंडर के जरिए आवेदन मांगे हैं।

फीडबैक के आधार पर डिटेचल्ड प्रोजेक्ट स्टडी तैयार करना होगा

विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए App को विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इस क्रम में आवंटन के बाद यूपीएलसी द्वारा सिलेक्टेड App विकास सेवा प्रदाता एजेंसी को सबसे पहले विभागीय अधिकारियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर डिटेचल्ड प्रोजेक्ट स्टडी तैयार करना होगा। 

इसके बाद सहायता प्राप्त विद्यालयों से महत्वपूर्ण डाटा एकत्र किया जाएगा, जिसमें छात्र, स्टाफ, आधार सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी। इस डेटा को सिस्टम रिक्वायरमेंट स्पेसिफिकेशन (SRS) के अनुसार संकलित कर समायोजित किया जाएगा। इसके आधार पर परियोजना रिपोर्ट और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर App के विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।

पंजीकरण मॉड्यूल को तीन कैटगरी में बांटा जाएगा

स्टम आवश्यकता विनिर्देश के आधार पर, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पंजीकरण मॉड्यूल और प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) सहित ऐप और ऑनलाइन मॉड्यूल के विकास का मार्गदर्शन करेगी। पंजीकरण मॉड्यूल को तीन कैटेगरी में विभाजित किया जाएगा: छात्र पंजीकरण, कर्मचारी पंजीकरण और स्कूल (बुनियादी ढांचा) पंजीकरण। इन मॉड्यूल को आसान पहुंच के आधार पर विकसित किया जाएगा।

60,000 से ज्यादा छात्रों की जानकारी को किया जा सकेगा ट्रैक

यह ऑनलाइन मॉड्यूल-आधारित मोबाइल ऐप एक बड़े डेटाबेस को प्रबंधित करने के लिए डेवलप किया जा रहा है, जिससे एक ही प्लेटफ़ॉर्म से 60,000 से अधिक छात्रों की जानकारी को ट्रैक और एक्सेस किया जा सकेगा। ऐप में छात्रों की जन्म तिथि, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक और वित्तीय विवरण, आधार सत्यापन और शैक्षणिक रिकॉर्ड शामिल होंगे। कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए भी इसी तरह की जानकारी दर्ज की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, ऐप स्कूलों के बारे में विवरण संग्रहीत करेगा, जिसमें नाम, पूरा पता, प्रबंधन विवरण और अक्षांश-देशांतर निर्देशांक शामिल हैं।

App में होंगी ये सुविधाएं

ऐप में 400 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूलों में लॉगिन और एक्सेस, निदेशालय लॉगिन (एडमिन), आईडी पासवर्ड प्रबंधन सक्षम, उपयोगकर्ता भूमिका परिभाषित करने और अनुमति एक्सेस, लिस्टिंग, उपयोगकर्ता के अनुकूल पहुंच, एनालिटिक्स और स्केलेबिलिटी क्षमता जैसी उन्नत सुरक्षा सुविधाएं होंगी। कार्यान्वयन एजेंसी यह भी सुनिश्चित करेगी कि 16-जीबी रैम-आधारित होस्टिंग सेवा, एक टेराबाइट स्टोरेज और एक सर्च इंजन-अनुकूलित ऐप विकसित किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT) की सिफारिशों के अनुसार, वार्षिक रखरखाव और कर्मचारियों के लिए तीन दिनों की ऑफशियली ट्रेनिंग दी जाएगी।

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