यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के बाद अब योगी सरकार की नज़र मदरसों के इम्तिहानों पर है। आज से यूपी में मदरसा बोर्ड के इम्तिहान शुरू हो गए हैं। इम्तिहान में करीब 1.5 लाख छात्र बैठ रहे है। छात्रों की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, परीक्षा केंद्रों पर वॉइस रिकॉर्डर हैं, लखनऊ में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से पूरे यूपी में इम्तिहान दे रहे। मदरसे के छात्रों पर नज़र रखी जा रही है, ताकि नकलविहीन परीक्षा कराई जा सके।
लगाए गए करीब 5 हज़ार कैमरे
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार जावेद ने कहा कि पहले मदरसों में इम्तिहान कभी टाइम से नही होते थे,नकल होती थी,कई छात्र घर कॉपी ले जाकर इम्तिहान देते थे, लेकिन अब ऐसा नही हो सकता। एक-एक मदरसे में परीक्षा दे रहे एक-एक छात्र पर नज़र रखी जा रही है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर करीब 5 हज़ार कैमरे लगाए गए है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन परीक्षा केंद्रों का इंस्पेक्शन कर रहे है। मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के घरवाले भी इम्तिहानों में हो रही सख्ती से खुश है।
16,513 मदरसे रजिस्टर्ड
यूपी में 16,513 मदरसे सरकारी मदरसा पोर्टल में रजिस्टर है। इनमें 10वीं क्लास से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के मदरसों में आज से परीक्षा शुरू हुए है। मुंशी मौलवी यानि 10वीं के इम्तिहान में 82,020 छात्र, सीनियर सेकेंडरी फारसी और अरबी में 21632, कामिल यानि बीए के इम्तिहान में 27,964 और फाजिल यानी एमए के 9499 छात्र इम्तिहान दे रहे है।
मदरसा पोर्टल बनाया गया
यूपी में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद मदरसा पोर्टल बनाया गया, जिससे फर्जी मदरसे न चले। मदरसों में NCERT की किताबें शामिल की गई, जिससे बच्चे मज़हबी तालीम के साथ-साथ साइंस, मैथ्स, इंग्लिश, हिंदी भी पढ़ सके। मदरसों की सेकेंडरी की बोर्ड परीक्षाओं में सबसे ज़्यादा नम्बर पाने वाले छात्रों को एक-एक लाख रुपये और टेबलेट दिए गए। मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को हाईटेक बनाने के लिए मदरसा ई-लर्निंग ऐप (MELA) लांच किया। ऐप में मदरसे में पढ़ाई जाने वाली सभी किताबें है और इससे लाइव क्लास भी हो सकते हैं।
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