नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक संकटों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों की फीस में कटौती की मांग की है। इसको लेकर संगठन ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ज्ञापन भेजकर गुहार लगाई है। एबीवीपी ने छात्रों के लिए एक मुश्त की जगह किश्तों में फीस चुकाने की सुविधा मांगी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि कोरोना काल में विद्यार्थी जिन सुविधाओं का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, उनका शुक्ल न लिया जाए। फीस चुकाने में देरी पर जुर्माना न लगाने की भी मांग की है। एबीवीपी ने गुजरात नेशनल लॉ यूनिविर्सिटी (जीएनएलयू) द्वारा छात्रों को शुल्क में लगभग 63 हजार रुपये की भारी राहत दिए जाने की तरफ केंद्रीय मंत्री का ध्यान दिलाते हुए अन्य विश्विद्यालयों में भी इसी प्रकार से जरूरी छूट दिए जाने की मांग की।
इस विश्वविद्यालय ने छात्रों को किश्तों में जनवरी 2021 तक शुल्क जमा कराने का विकल्प भी दिया है। एबीवीपी ने देश के दूसरे राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों से भी जीएनएलयू की तरह छात्रों को सुविधा देने की मांग की। एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने बताया, 'केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद को ज्ञापन देकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को शुल्क में राहत देने और उन्हें किश्तों में शुल्क जमा कराने का विकल्प देने की बात कही है। गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने हमारी ओर से लगातार सुझाए जा रहे कदम उठाकर छात्रों को भारी राहत देने का काम किया है। आशा है मंत्रालय हमारी मांगों पर शीघ्र कदम उठाएगा।'
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