नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने डीयू के तीन कॉलेजों को वित्त वर्ष 2020-21 की दो तिमाहियों की रकम जारी कर दी है, ताकि वे अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें. ये कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा पूर्ण वित्त पोषित हैं. यह राशि अदालत के चार नवंबर के आदेश का पालन करते हुए जारी की गई है.
अदालत ने सरकार को निर्देश दिया था कि नौ नवंबर तक दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के चार कॉलेजों डॉ भीमराव आम्बेडकर कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, अदिति महाविद्यालय वूमंस कॉलेज और शहीद सुखदेख कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को शेष रकम जारी कर दी जाए, ताकि वे कर्मचारियों को तनख्वाह दे सकें. सरकार ने कहा कि चौथे कॉलेज डॉ भीमराव आम्बेडकर कॉलेज को और रकम जारी नहीं की गई है, क्योंकि इसे पहले की दो तिमाहियों में 11.5 करोड़ रुपये की जगह 12.89 करोड़ रुपये दिए गए थे.
सरकार के रुख का न्यायमूर्ति हीमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष चौथे कॉलेज ने विरोध किया. उसने अदालत को बताया कि वह सरकार द्वारा जारी की गई राशि से इस साल सिर्फ जुलाई तक वेतन दे सका. कॉलेज ने अदालत से कहा कि उसने नौ नवंबर को दिल्ली सरकार को अभिवेदन कर और कोष जारी करने का अनुरोध किया है ताकि वह कर्मचारियों को अगस्त, सितंबर और अक्टूबर की तनख्वाह दे सके.
इसपर पीठ ने कहा कि अगर ऐसा अभिवेदन दिया गया है तो दिल्ली सरकार का उच्च शिक्षा निदेशालय दो दिन में जवाब दे. पीठ ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया जिस में भीमराव आम्बेडकर कॉलेज और अन्य तीन कॉलेजों के शैक्षिक और गैर शैक्षिक कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में उसके रुख की जानकारी हो.
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