नई दिल्ली केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) 2019-20 का तीसरा संस्करण जारी किया है। इसके तहत राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहलों के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' की मंजूरी के बाद रविवार को इंडेक्स (पीजीआई) 2019-20 का तीसरा संस्करण जारी किया गया। पीजीआई के तीसरे संस्करण में पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल को ए प्लस प्लस ग्रेड दिया गया है।
इसके अलावा अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले वर्षों की तुलना में में अपने ग्रेड में सुधार किया है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, पंजाब और तमिलनाडु ने पीजीआई स्कोर में 10 प्रतिशत यानी 100 या अधिक अंकों का सुधार किया है।अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पंजाब ने पहुँच (एक्सेस) के मामले में में 10 फीसदी (8 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है।
शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक ने कहा कि 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इंफ्रास्ट्रक्च र एवं सुविधाओं के मामले में 10 फीसदी (15 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। वहीं अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा ने 20 प्रतिशत या उससे अधिक सुधार दिखाया है।
अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और ओडिशा ने इक्विटी (समानता) की दिशा में 10प्रतिशत से अधिक सुधार दिखाया है। इसके अलावा 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने गवर्नेंस प्रोसेस के मामले में 10 प्रतिशत (36 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है।अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने तकरीबन 20 प्रतिशत (72 अंक या अधिक) सुधार दिखाया है।
यह इंडेक्स विभिन्न पहलों के द्वारा राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को शिक्षा क्षेत्र में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में कमियों को पता कर के उनके ऊपर काम करने में भी मदद करता है।
पीजीआई की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्कूली शिक्षा में अभूतवपूर्व बदलाव लाने के विजन के तहत हुई थी। इसमें 70 मापदंडों के एक सेट के तहत राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को ग्रेड दिए जाते हैं।पहली बार यह इंडेक्स 2019 में जारी किया गया था जिसके लिए 2017-18 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की गई पहल को ध्यान में रखा गया था।
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