बड़े-बुजुर्गों ने कहा है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है और इन्हीं शिक्षा के मंदिरों को हरियाणा सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार की तरफ से अलग-अलग जिलों के करीब 800 स्कूलों को बंद किया जाएगा। ये फैसला चिंतित करने वाला है। हालांकि राज्य सरकार ने इसे बंद करने के पीछे का तर्क दिया है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कम है या फिर स्कूल में बच्चों की संख्या महज 20 है या उससे कम।
8000 से ज्यादा बच्चे कर रहे पढ़ाई
मिली जानकारी के मुताबिक, इन स्कूलों में करीब 8000 बच्चे नामांकित हैं, जिन्हें अब उनके नजदीकी सरकारी स्कूलों में शिफ्ट में किया जाएगा। इससे पहले शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की लिस्ट मांगी थी, जहां पर 20 से कम छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद अब खट्टर सरकार ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया है। आंकड़ों की मानें तो हरियाणा में ऐसे लगभग 832 स्कूल हैं। इससे पहले विभाग द्वारा एक किलोमीटर तक की दूरी वाले स्कूलों में इन बच्चों को शिफ्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ बच्चों के स्कूल 1 किलोमीटर की दूरी अधिक होने के चलते विचार विमर्श किया जाएगा कि उन्हें कैसे स्कूल जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाए और उन्हें शिफ्ट किया जाएगा या नहीं।
गरमाई राज्य की सियासत
इधर, इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां टीचरों की कमी है। इस कारण उन स्कूलों में बच्चे एडमिशन नहीं लेते हैं। इन्ही वजहों से इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 से कम रह गई है।
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