यूपी में 7 लाख बच्चे पढ़ाई से अब भी दूर, केंद्र सरकार ने संसद में बताए राज्यवार आंकड़े
केंद्र सरकार ने संसद में स्कूली शिक्षा को लेकर राज्यवार आंकड़े बताए हैं। जिसमें जयंत चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूपी में 7 लाख बच्चे पढ़ाई से अब भी दूर हैं।
साल 2024-25 के पहले 8 महीनों में देश की एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है, जिसमें सरकार ने 11.70 लाख से ज्यादा ऐसे बच्चों की पहचान की है जो स्कूलों में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इस आंकड़े से यह साफ हो गया है कि शिक्षा को लेकर अब भी देश में ढेर सारी चुनौतियां हैं। संसद में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने विशाखापट्टनम से टीडीपी के सांसद मथुकुमिली श्रीभारत के सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी दी।
किन राज्यों में कितने बच्चे नहीं जा रहे स्कूल
लोकसभा में सोमवार को जंयत चौधरी ने कहा देश में 11.70 लाख बच्चे अभी भी शिक्षा से वंचित हैं। इन चौंकाने वाले आंकड़ों के मुताबिक, सबसे गंभीर स्थिति जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य यूपी की है, जहां करीबन 7.85 लाख छात्र स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। झारखंड में तो यह संख्या 65000 से ज्यादा है, जबकि असम में करीब 64000 छात्र स्कूल में नामांकित नहीं। गुजरात जैसे समृद्ध राज्य में भी 54500 से ज्यादा बच्चे स्कूल से बाहर हैं। मध्य प्रदेश और हरियाणा की भी स्थिति चिंताजनक दिख रही है, यहां 30 से 40 हजार बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। बिहार, जो शिक्षा के मामले में पहले से ही पिछड़ा है, वहां भी करीबन 25000 बच्चे स्कूल से बाहर हैं। इनके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का दावा करने वाली अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में भी करीब 18300 बच्चे स्कूल नहीं जा रहे।
सरकार ने सफाई में कही ये बात
हालांकि, केंद्र सरकार ने अपनी सफाई में इस बात को भी कहा कि चूंकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में आती है इसलिए अधिकतर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकार क्षेत्र में ही स्कूली शिक्षा आती है और सरकार जो आंकड़े उपलब्ध करवा रही है, ये वही आंकड़े हैं जो उन्हें राज्यों या फिर केंद्रशासित प्रदेशों से मिले हैं। इन्हें शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने अपने ऑनलाइन डैश बोर्ड के जरिए इकट्ठा किया है।
इन प्रदेशों ने किया बढ़िया काम
हालांकि, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें बेहतरीन प्रदर्शन किया है, यहां एक भी छात्र बिना स्कूली शिक्षा से वंचित नहीं पाए गए। पुडुचेरी में महज 4 छात्र स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। वहीं, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में यह संख्या महज 2 है।