नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्क मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 2014-15 से अब तक, अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित चार करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई है। इसमें से 54 प्रतिशत छात्रवृत्ति छात्राओं को दी गई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिखों जैसे छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है।
2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को आवंटित कुल फंड 21,160.84 करोड़ रुपये था और वास्तविक व्यय 19,201.45 करोड़ रुपये था, जो आवंटित निधि का लगभग 90.75 प्रतिशत है।
2014-15 से अब तक, कुल 4,00,06,080 छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो से संबंधित विद्यार्थियों को दी गई है, कुल खर्च 11,690.81 करोड़ रुपये का है। साल 2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान मंत्रालय की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 3,06,19,546 लाभार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए 9,223.68 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है, जिसमें से लगभग 54 प्रतिशत छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक छात्राओं को दी गई है।
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