नई दिल्ली: सरकारी सर्वेक्षण में पाया गया है कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद होने के बीच ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए 27 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्टफोन और लैपटॉप नहीं हैं। लेकिन जिन छात्रों के पास लैपटॉप और स्मार्टफोन है उनमें से ज्यादातर छात्र ऑनलाइन शिक्षा से "खुश" या "संतोषजनक" हैं। हालांकि सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि ऑनलाइन क्लास गणित और विज्ञान सीखने के लिए सबसे कठिन हैं।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में CBSE से संबद्ध स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों (KVs) और नवोदय विद्यालयों (NV) में पढ़ने वाले 18,188 छात्रों को शामिल किया गया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार को साझा किए गए निष्कर्षों के अनुसार, स्टूडेंट्स लर्निंग एनहांसमेंट गाइडलाइन्स के हिस्से के रूप में लगभग 33 प्रतिशत ने महसूस किया कि ऑनलाइन सीखना या तो “कठिन ” था या “बोझ ”।
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग ऑनलाइन क्लास का उपयोग करने में सक्षम हैं उनमें लगभग 84 प्रतिशत ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंचने के लिए स्मार्टफोन पर निर्भर हैं। लैपटॉप का उपयोग लगभग 17 प्रतिशत किया जाता है, जबकि टीवी और रेडियो का ऑनलाइन सीखने के लिए सबसे कम उपयोग किया गया। सर्वेक्षण के अनुसार कुल 35,000 छात्रों में से लगभग 28 प्रतिशत छात्रों, शिक्षकों, प्राचार्यों और अभिभावकों ने एक बड़ी बाधा के रूप में रुक-रुक कर बिजली की कमी का भी मुद्दा उठाया है।
इस सर्वेक्षण में उन विषयों को भी शामिल किया गया जिनमें बच्चों को घर पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में कहा गया है, "गणित में कई अवधारणाएं होती हैं, जिनमें सहभागिता, शिक्षक की सहायता, निगरानी और इन पहलुओं के साथ पढ़ाने की ऑनलाइन मोड में कमी रही।"
यह सर्वेक्षण एनसीईआरटी द्वारा "लॉकडाउन के दौरान और बाद में छात्रों के बीच अंतराल या सीखने के नुकसान से संबंधित मुद्दों का समाधान करने" के लिए किया गया था। इस सर्वेक्षण में बिना किसी डिजिटल डिवाइस या एक तक सीमित पहुंच वाले छात्रों का स्पोर्ट करने के लिए दिशानिर्देश शिक्षकों के क्षमता निर्माण का सुझाव देते हैं।
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