नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा साल का बजट पेश किया। पहली बार बजट पेपरलैस है और इसे 'मेड इन भारत' निर्मित टैब के जरिए पेश किया जा रहा है। बजट में शिक्षा के लिए वित्त मंत्री ने कई घोषणाएं कीं। उन्होनें कहा 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे जिसके लिए प्राइवेट और एनजीओ की मदद ली जाएगी।
हैदराबाद में जैसे 40 तरह के अलग-अलग संस्थान हैं, हम इस बात की कोशिश करेंगे की इनमें आपसी तालमेल बेहतर हो इसके लिए हम अंब्रैला बॉडी बनाएंगे। पिछली जाति और जनजातियों के लिए हम बेहतर व्यवस्था बनाएंगे। इसके लिए पहाड़ी इळाकों तथा आदिवासी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग बज़ट रखा जाएगा वित्त मंत्री सीतारमण ने लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की भी घोषणा की।
टेक्सटाइल में निवेश से मिलेगी नौकरियां
टेक्सटाइल की क्षेत्र में निवेश के बाद युवाओं को नौकरी मिलेगी. देश में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा. इस साल एक्सपोर्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. 7400 प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे. इस दौरान उन्होंने बताया कि इस साल मेडिकल के क्षेत्र में सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है. पिछले साल हेल्थ बजट 94000 करोड़ का था जो इस साल 2 लाख 38 हजार करोड़ कर दिया गया है. मेडिकल के क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं की भारी संख्या में भर्तियां होंगी
आइए जानते हैं शिक्षा के लिए इस बजट में क्या प्रावधान हैं...
- देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाएंगे।
- 15 हजार सरकारी स्कूल बेहतर बनाएं जाएंगे।
- 750 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए जाएंगे
- लेह में सेट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी.
- राष्ट्रीय भाषा और अनुवाद मिशन शुरू किया जाएगा.
- पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम, इसके तहत 35219 करोड़ रुपए 6 वर्षों में खर्च होंगे 2025-26 तक, इससे 4 करोड़ अनुसूचित जाती के छात्रों को लाभ होगा
- आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे.
- अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का ऐलान
- हायर एजुकेशन कमीशन का गठन जल्द
- उच्च शिक्षा के लिए कमीशन बनाया जाएगा
- साल 2021-22 के दौरान डाटा एनेलेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग चालित एमसीए 21 वर्जन 3.0 शुरू किया जाएगा।
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