A
Hindi News दिल्ली 2 महिलाएं, दोनों के पति का नाम नरेश, दोनों का एक ही बैंक खाता, एक पैसा डालती तो दूसरी निकालती

2 महिलाएं, दोनों के पति का नाम नरेश, दोनों का एक ही बैंक खाता, एक पैसा डालती तो दूसरी निकालती

कहावत है नाम में क्या रखा है... लेकिन नाम के चक्कर में ही हरियाणा के पानीपत में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहीं पुष्पा नाम की दो महिलाएं पड़ोसी हैं संयोग से दोनों के पति का नाम भी नरेश है।

पीड़ित शिकायतकर्ता पुष्पा और उसका पति नरेश- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA पीड़ित शिकायतकर्ता पुष्पा और उसका पति नरेश

हरियाणा। कहावत है नाम में क्या रखा है... लेकिन नाम के चक्कर में ही हरियाणा के पानीपत में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहीं पुष्पा नाम की दो महिलाएं पड़ोसी हैं संयोग से दोनों के पति का नाम भी नरेश है। दोनों ने एक ही बैंक में जनधन खाता खुलवाया था। बैंक ने भी गलती से दोनों को एक ही अकाउंट नंबर दे दिया। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि यहां एक पुष्पा खाते में पैसों का इंतजार करती रही, जबकि दूसरी दनादन खाते से नगदी निकालती रही।  हालांकि, इसमें दोनों महिलाओं की कोई गलती नहीं है। फिर भी एक जैसे नाम होने के कारण दूसरी पुष्पा को अब अपने पैसों के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

दरअसल, इन दोनों पुष्पा ने 2014 में तहसील कैंप के पंजाब नेशनल बैंक में अपना-अपना जनधन खाता खुलवाया ता। दोनों महिलाएं वधवाराम कॉलोनी में रहती हैं। लॉकडाउन के दौरान जनधन खाते में 500 रुपए आते रहे लेकिन एक पुष्पा को उस समय बड़ी निराशा हुई जब उसका अकाउंट का बैलेंस खाली बताया गया। बैंक कैशियर ने बताया कि वो पैसे निकालकर ले गई है। इनमें एक महिला हस्ताक्षर में अपना नाम पुष्पा लिखती है जबकि दूसरी पूष्पा। गौरतलब है कि छोटी और बड़ी मात्रा पर बैंक ने भी ध्यान नहीं दिया। यह मामला 5 महीने पहले सामने आ चुका था लेकिन बैंक अपनी इस गलती को दबाए रहा। 

हालांकि, अब मामला उच्च अधिकारियों के पास पहुंच गया है। शिकायत करने वाली पुष्पा ने बताया कि उसके खाते से दूसरी पूष्पा ने 9300 रुपए निकाल लिए हैं। एलडीएम कमल गिरधर ने बताया कि 2014 में दोनों महिलाओं ने जनधन खाते के लिए बैंक में आवेदन किया। नाम, पति का नाम और कॉलोनी एक होने के कारण मानवीय भूल के चलते दोनों महिलाओं को एक ही खाते की पासबुक दे दी। तब से दोनों खाते में छोटा-छोटा लेन देन कर रही थीं। एक बार में 5 हजार से ज्यादा रुपए का लेनदेन नहीं हुआ। छोटा अमाउंट होने के कारण कैशियर हस्ताक्षर को पकड़ नहीं पाया। दोनों पक्षों को बुलाया है। अब जांच कर रहे हैं कि किस पर किसका बकाया है। उससे रुपए वापस दिलाए जाएंगे।

शिकायतकर्ता पुष्पा ने बताया कि उसने बैंक में अपनी ननद का मोबाइल नंबर दर्ज कराया था। लेकिन वो बंद हो गया। इससे उसके पास बैंक से कोई मैसेज भी नहीं आता था। इस दौरान उसने अपने खाते में कुछ रुपए भी जमा कराए थे दूसरी पूष्पा उसे भी निकालकर ले गई।