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Hindi News दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को आज मिलेगी जमानत? दिल्ली HC थोड़ी देर में सुनाएगा फैसला

सीएम अरविंद केजरीवाल को आज मिलेगी जमानत? दिल्ली HC थोड़ी देर में सुनाएगा फैसला

दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को लोअर कोर्ट ने जमानत दे दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी थी। आज हाई कोर्ट उनकी जमानत पर फैसला सुनाएगा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

delhi cm arvind kejriwal- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट आज दोपहर 2-30 बजे अपना फैसला सुनाएगा। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी थी। बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी। उसके बाद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट 26 जून को सुनवाई करेगी।

अरविंद केजरीवाल की जमानत का मामला 
 

दिल्ली हाई कोर्ट आज 2.30 बजे सुनाएगा फैसला। राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। इसके खिलाफ ईडी हाई कोर्ट चली गयी थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों पक्षों के द्वारा अपना रिटेन सबमिशन दे दिया गया था। इसके बाद जस्टिस सुधीर जैन की अदालत में आज फैसला सुनाया जाएगा। ये फैसला इस बात को लेकर है कि केजरीवाल की जमानत पर जब तक हाई कोर्ट में फैसला नहीं हो जाता है, तब तक रिहाई पर अंतिरिम स्टे रहेगा या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं केजरीवाल

केजरीवाल ने हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अगर अदालत ने निचली अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई होती तो आप प्रमुख शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए होते। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि ट्रायल कोर्ट का आदेश असंतुलित था। उसका यह भी दावा है कि उसे अपनी दलीलें पेश करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।

केजरीवाल के वकील ने सोमवार को उच्च न्यायालय में लिखित दलीलें दायर कीं, जिसमें कहा गया कि ईडी द्वारा किए गए दावे "स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल और गलत बयानी के समान हैं।" इसपर ईडी ने भी बार-बार दलील दी थी कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और उसकी सभी दलीलों पर कार्रवाई नहीं की गई, उनकी दलीलें शुरू में ही खारिज कर दी जाती हैं।