EXCLUSIVE: अरविंद केजरीवाल ने क्यों किया इस्तीफा देने का ऐलान? आप नेता संदीप पाठक ने बताई ये वजह
आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी ने एक लांछन लगाया है। कोर्ट से तो वो बाहर आ ही जाएंगे। कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी है।
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद इस्तीफा देने का ऐलान कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बीच आप सांसद संदीप पाठक ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि केजरीवाल पर बीजेपी ने एक लांछन लगाया है। कोर्ट से तो वो बाहर आ ही जाएंगे। कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी है।संदीप पाठक ने कहा, 'जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। अरविंद केजरीवाल यह कह रहे हैं कि वे जनता की अदालत में जाएंगे और जनता तय करेगी वो ईमानदार हैं या बेईमान हैं। वो अग्निपरीक्षा देना चाहते हैं अपनी ईमानदारी के सबूत के लिए।'
अंतरआत्मा गवाही नहीं दे रही
संदीप पाठक ने आगे कहा, 'सवाल ये है कि जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। एक ऐसे व्यक्ति के लिए जिसने ईमानदारी को अपने जीवन में सबसे ऊपर रखा। अपनी ईमानदारी के लिए इनकम टैक्स की नौकरी छोड़ दी। 10 साल दिल्ली की झुग्गियों में काम किया। 49 दिनों में सीएम पद को ठोकर मार दी थी। ऐसे व्यक्ति के लिए उसकी शुचिता और मान सम्मान अहम है। उनका कहना है कि उनकी अंतरआत्मा गवाही नहीं दे रही है, जब तक वे जनता की अदालत में पाकसाफ नहीं हो जाते वे सीएम का पद स्वीकार नहीं करेंगे।'
जब जेल में थे तब क्यों नहीं दिया इस्तीफा?
संदीप पाठक ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि जेल में रहते हुए उन्होंने क्यों इस्तीफा नहीं दिया, सीएम रहते हुए जब जेल गए थे तभी इस्तीफा दे देना चाहिए था। संदीप पाठक ने कहा, 'बीजेपी ने एक डिजाइन बनाया जो इस देश के लिए घातक है। वो डिजाइन है सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को तोड़ने का। वो जेल में डालेंगे, आप इस्तीफा देंगे, आपकी सरकार को तोड़ेंगे और वो अपनी सरकार बनाएंगे। देश के संवैधानिक मूल्यों को बचाना जरूरी है, प्रजातांत्रिक मूल्यों को बचाना जरूरी है। देश को एक नई दिशा देनी जरूरी है।
प्रजातंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा
संदीप पाठक ने आगे कहा, 'उन्होंने देश के बाकी मुख्यमंत्रियों से भी आह्वान किया कि कोई अगर गलत तरीके से आपको गिरफ्तार करे तो किसी को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। प्रजातंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने जेल में रहते हुए इस्तीफा नहीं दिया। अब जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज और नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा देने का फैसला लिया।'