Delhi New LG: दिल्ली को अपना नया उपराज्यपाल मिल गया है। विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति कोविंद ने सोमवार को अनिल बैजल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और विनय कुमार सक्सेना को नया उप-राज्यपाल नियुक्त कर दिया। बता दें कि विनय कुमार सक्सेना खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपने पद से 18 मई को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने निजी वजहों से इस्तीफा दिया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के साथ अक्सर उनके टकराव की खबरें सामने आती रहती थीं।
कौन हैं विनय कुमार सक्सेना
विनय कुमार सक्सेना गवर्नर पद के लिए चुने गए पहले कॉर्पोरेट व्यक्ति हैं और तीन दशकों से अधिक के विशाल अनुभव के साथ भारतीय कॉर्पोरेट और सामाजिक क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। उत्तर प्रदेश के एक शिक्षित और प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में जन्मे सक्सेना ने 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त है और साथ ही उनके पास एक पायलट का भी लाइसेंस है। तकनीकी, कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक कौशल के साथ संयुक्त सामाजिक और कॉर्पोरेट मामलों पर उनकी नेतृत्व क्षमता ये दिखाती है कि वह कितने काबिल हैं।
विनय कुमार सक्सेना के नेतृत्व में, केवीआईसी के कारोबार में 248 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई, जबकि केवल सात वर्षों में बड़े पैमाने पर 40 लाख नए रोजगार सृजित हुए। सक्सेना के कार्यकाल के दौरान, केवीआईसी ने पहली बार 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक कारोबार किया, जो भारत में अब तक केवीआईसी और किसी भी एफएमसीजी कंपनी द्वारा सबसे अधिक है। इस प्रकार, उन्होंने खादी को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी छह दशक की यात्रा के दौरान, सक्सेना ने अपनी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं।
IAS भी थे अनिल बैजल
अनिल बैजल (Anil Baijal) IAS अधिकारी भी रहे हैं। उन्हें 31 दिसंबर 2016 को दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। उन्होंने 31 दिसंबर 2021 को अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे किए थे। हालांकि यहां ये बात ध्यान रखना जरूरी है कि दिल्ली में उपराज्यपाल का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है। उनसे पहले दिल्ली के राज्यपाल नजीब जंग थे।
बैजल 1969 बैच के आईएएस अधिकारी थे और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह सचिव रहे थे। इसके अलावा उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी सेवाएं दीं। वह साल 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे। (रिपोर्ट: देवेंद्र)