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Hindi News दिल्ली दिल्ली ब्लास्ट की गुत्थी उलझी! अब सामने आया ये वीडियो, सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटीं

दिल्ली ब्लास्ट की गुत्थी उलझी! अब सामने आया ये वीडियो, सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटीं

राजधानी दिल्ली के प्रशांत विहार में हुए ब्लास्ट की तफ्तीश में सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं। अक्टूबर में हुए ब्लास्ट से यह मिलता जुलता है। दोनों ब्लास्ट एक ही तरह का होने से सुरक्षा एजेंसियां अब इसकी तह तक जाने की कोशिश में जुट गई हैं।

दिल्ली ब्लास्ट - India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली ब्लास्ट

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अक्तूबर में हुए ब्लास्ट के बाद अब एक और ब्लास्ट से दहशत फैल गई। हैरत की बात ये है कि अभी तक की जांच में यह पता चला है कि दोनों ही ब्लास्ट एक जैसे हैं और एक ही इलाके में हुए। इस खुलासे जहां ब्लास्ट की गुत्थी उलझा दी है वहीं सुरक्षा एजेंसियों को यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि एक ही इलाके में एक जैसे धमाके के पीछे क्या मकसद हो सकता है?

ब्लास्ट के बाद उठा सफेद धुआं

राजधानी दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में आज पीवीआर के पास हुए ब्लास्ट के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। इस ब्लास्ट का एक वीडियो सामने आया है जिसमें सफेद धुआं दिख रहा है। ज्यादा धुंआ होने के वजह से लोग खास रहे हैं। यह वीडियो PVR के बाहर से बनाई गई है। वहीं दिल्ली में पिछले महीने अक्तूबर में भी ऐसा ही ब्लास्ट हुआ था। ब्लास्ट की घटना और लोकेशन आसपास होने के चलते यह किसी बड़ी साजिश का इशारा कर रहे हैं।

NSG की फॉरेंसिक टीम ने सैंपल इकट्ठा किया

दरअसल, करीब एक महीने पहले 20 अक्तूबर को भी ऐसा ही ब्लास्ट हुआ था। दोनों घटनाएं एक-दूसरे से मेल खाती हैं। धमाके वाली जगह से NSG की फॉरेंसिक टीम ने सैंपल इकट्ठा किया है। इस धमाके में भी सफेद पाउडर का इस्तेमाल किया गया। पिछले महीने धमाका सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के नीचे हुआ था और आज का धमाका दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच दफ़्तर के बेहद नज़दीक यानी महज दस कदम पर हुआ।

सूत्रों की मानें तो पहले हुए धमाके में जो सफेद पाउडर मौके से बरामद हुआ उसमें Hydrogen peroxide, हाइड्रोजन पेरोक्साइड Borate बोरेट नाइट्रेट शामिल था। ये तीनों केमिकल भी मिक्स थे। ये पाउडर आमतौर पर माइनिंग में भी इस्तेमाल होते है ब्यूटी प्रोडक्ट में भी इनका इस्तेमाल होता है। हैरानी की बात ये कि फिर से एक ही इलाके में एक जैसे धमाके के पीछे क्या मकसद हो सकता है?