नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को रियल एस्टेट कारोबारियों सुशील और गोपाल अंसल को 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड (Uphaar Fire Tragedy) मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने अदालत के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा तथा दो अन्य लोगों- पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी मामले में दोषी करार दिया।
अदालत दोषी करार दिए गए लोगों की सजा के बारे में सोमवार को दलीलों की सुनवाई कर सकती है। यह मामला अग्निकांड से जुड़े मुख्य मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा हुआ है। उपहार सिनेमाघर में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गयी थी। उस मामले में सुशील और गोपाल अंसल को दोषी ठहराया गया था और उच्चतम न्यायालय ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।
न्यायालय ने हालांकि उन्हें जेल में बिताए गए समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि वे राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना देंगे। सुनवाई के दौरान दो अन्य आरोपियों- हर स्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मौत हो गयी थी।
बता दें कि, दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।