नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मानसून ने दस्तक दे दी है। शुक्रवार सुबह को हुई भीषण बारिश के बाद दिल्ली में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। वहीं सड़कों पर जमा पानी को निकालने के लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस बीच बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि पहली ही बारिश में दिल्ली पूरी तरह से डूब गई, इसके पीछे क्या वजह हो सकती है। वहीं इस मामले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में बारिश के बाद जलभराव की स्थिति के लिए नालों में जमा प्लास्टिक कचरे को जिम्मेदार ठहराया और दिल्ली सरकार पर इस मुद्दे पर निष्क्रियता का आरोप लगाया।
24 घंटे में 228.1 मिमी. हुई बारिश
बता दें कि सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 228.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है जो जून के महीने की 74.1 मिलीमीटर औसत बारिश से तीन गुना से अधिक है तथा कम से कम 16 साल में इस महीने में सर्वाधिक है। दिल्ली में भारी बारिश के कारण शुक्रवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दिल्लीवासियों ने जलमग्न सड़कों पर डूबे वाहनों और यातायात बाधित होने के कारण फंसी गाड़ियों की तस्वीरें एवं वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।
दिल्ली सरकार हुई निष्क्रिय
भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘‘हमने एकल उपयोग वाली प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था और दिल्ली सरकार से भी कार्रवाई करने को कहा था। हमने दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग से कई बार इन (एकल प्लास्टिक विनिर्माण) इकाइयों को बंद करने को कहा था।’’ उन्होंने कहा कि इन इकाइयों ने न केवल पर्यावरण को प्रदूषित किया है बल्कि औद्योगिक आपदा की भी स्थिति पैदा हुई है और फिर भी दिल्ली सरकार निष्क्रिय बनी हुई है। यादव ने कहा, ‘‘जलभराव का प्रमुख कारण नालों में पॉलिथीन जमा होना है। हमें व्यक्तिगत व्यवहार में बदलाव लाना होगा और यह स्थानीय प्रशासन में भी शामिल होना चाहिए।’’ (इनपुट- भाषा)
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