Umar Khalid: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद की मां ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के जल्द रिहा होने की उम्मीद है। खालिद 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में 2 साल से जेल में है। दिल्ली पुलिस ने उसे 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
खालिद की मां सबीहा खानुम ने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरा बेटा बहुत जल्द जेल से बाहर आएगा। मैंने पिछले सप्ताह उमर से बात की थी, वह हमेशा खुशी से बात करता है। मैं उसे प्रोत्साहित करते रहने की कोशिश करती हूं और उसे आशावादी रहने के लिए कहती हूं। केवल जमानत नहीं मिलनी चाहिए, उसके खिलाफ सारे मामले बंद हो जाने चाहिए या वापस लिए जाने चाहिए।’’
'खालिद के खिलाफ FIR और कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक दस्तावेज है'
दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत अर्जी पर पिछले सप्ताह अपने आदेश को सुरक्षित रखा था। ‘इन परसुइट ऑफ जस्टिस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शाहरुख आलम ने दावा किया कि खालिद के खिलाफ FIRऔर कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक दस्तावेज है और आरोपी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है। आलम ने कहा, ‘‘जब कोर्ट हमसे कहती है कि राजनीति को अलग रखिए, तो ऐसा अधिकतर तभी होता है जब कोई सरकार की नीतियों पर सवाल करता है।’’
'सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है जो उसकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं'
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है जो उसकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उमर ने हमेशा उस अन्याय की बात की जो न केवल परिसर में बल्कि इसके बाहर भी हुआ। इसलिए उसकी आवाज अलग थी और सत्ता में बैठे लोग उसके जैसे छात्रों से डरे हुए हैं।’’