One Nation One Ride 2.0: दिल्ली की सड़कों पर एक साथ उतरे 2 हजार बाइकर्स, 'बेटी बचाओ और शिक्षा' का दिया संदेश
देश की राजधानी दिल्ली में एक साथ 2 हजार बाइकर्स सड़कों पर नजर आए। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना के सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही लड़कियों की सुरक्षा और उनकी शिक्षा को लेकर एक जागरुकता का संदेश भी दिया।
नई दिल्ली: देश के सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों से लगभग 2,000 बाइकर्स रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में एकजुट हुए। इस दौरान इन बाइकर्स ने एक अभियान की शुरुआत की। अपने अभियान 'वन नेशन वन राइड' के तहत बाइकर्स ने सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ 'SAVE GIRL CHILD & EDUCATION' की शपथ भी ली। इस अभियान में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों ने लड़कियों को बचाने और उन्हें शिक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। बता दें कि दूसरी बार इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया आयोजन
इस मौके पर अभियान से जुड़े एक प्रतिभागी ने कहा कि यह अभियान सैनिकों के लिए आयोजित किया जाता है। इस बार हमने अभियान के तहत 'बेटी बचाओ' के संदेश को भी शामिल किया है। एक अन्य प्रतिभागी ने कहा कि हमें 'बेटी बचाओ' की शुरुआत अपने घर से ही करनी चाहिए। हम लोगों को यह बताना चाहते हैं कि इसे अपने घरों से ही शुरू करना चाहिए। बता दें कि यह कार्यक्रम आज सुबह आयोजित किया गया। इसमें 2 हजार बाइकर्स नई दिल्ली के जीटी करनाल बाईपास रोड के पास मुकरबा चौक से हरियाणा के मुरथल में मोजोलैंड तक पहुंचे। इस अवसर पर सेना के कुछ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
'वन नेशन वन राइड' पहल का यह दूसरा संस्करण
जीत कटारिया, जो कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में टेनिस अकादमियां चलाते हैं। अपने जुनून के चलते उन्होंने अपनी बाइक पर देश के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण करना शुरू किया था, जहां उनकी मुलाकात अलग-अलग लोगों से हुई। इस यात्रा के दौरान, वह नए लोगों से मिले और विभिन्न विचारों के साथ सहयोग किया। इसी दौरान उन्होंने समाज के लिए कुछ करने के बारे में सोचा। इस बार 'वन नेशन वन राइड' पहल का यह दूसरा संस्करण था। पिछले साल इसी अभियान के तहत 1971 के भारत-पाक युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए ये सभी लोग एकत्रित हुए थे।
बेटी बचाने और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करना भी उद्देश्य
आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए जीत कटारिया ने कहा कि यह न केवल एक आयोजन है, बल्कि देश के युवाओं को एक साथ बांधने और 1971 के योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने का एक मकसद भी है। इस बार उनका एजेंडा बेटी बचाने और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करना भी है। बता दें कि 16 दिसंबर 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। तब से यह दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
कैसे शुरू हुआ 'वन नेशन वन राइड'
उन्होंन कहा कि 'वन नेशन वन राइड' भारत के राइडर्स द्वारा एक उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम है, जिसे 2022 में समाज में जागरूकता पैदा करने की मानसिकता के साथ शुरू किया गया था। जैसे ही दिल्ली-एनसीआर में राइडिंग समुदाय में वृद्धि देखी गई, हमने समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए इस युवा ऊर्जा का उपयोग करने का निर्णय लिया। हमारे पास इसके कई कारण हैं। हमें लगता है कि ऐसे ही कार्यक्रमों को आयोजित करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह सब 1971 के युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुआ और इस वर्ष हमने एक बहुत ही जरूरी कारण 'बेटी बचाओ और शिक्षा' को चुना है।
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