नयी दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने केरल पुलिस के पूर्व उपाधीक्षक और तीन अन्य को एक हेडकांस्टेबल की हत्या की कोशिश करने का दोषी करार दिया। दोषियों को शक था कि पीड़ित कांस्टेबल ने शराब कारोबारी की पार्टी में पुलिस अधिकारियों के शामिल होने की खबर लीक की थी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता आर के गौर ने बताया कि तिरुवनंतपुरम के विशेष न्यायाधीश ने केरल पुलिस के तत्कालीन उपाधीक्षक संतोष नायर के अलावा जिंदा अनी, कंटेनर संतोष और पेंटी एडविन (गैर पुलिस) को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने दोषियों को 25-25 हजार रुपये (कुल एक लाख रुपये) शिकायतकर्ता हेडकांस्टेबल बाबू कुमार को देने का आदेश दिया। बाबू कुमार पर 2010 में कोल्लम जिले में हत्या के इरादे से चाकू से कई वार किए गए थे। कुमार पर दोषियों ने इसलिए हमला किया था क्योंकि उन्हें शक था कि उन्होंने शराब कारोबारी द्वारा आयोजित पार्टी और उसमें शामिल चार पुलिस अधिकारियों एवं फिल्मी सितारों की खबर लीक है। मलयालम अखबार मातृभूमि में यह खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार पर भी कथित तौर पर हमला किया गया था।
इस मामले में अलग से सुनवाई हो रही है। बाबू ने केरल उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था। अदालत के आदेश पर 12 सितंबर 2013 को सीबीआई ने हेडकांस्टेबल पर हमले के मामले की जांच अपने हाथ में ली।