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Hindi News दिल्ली ये दरवाजा है खास! पीएम मोदी ने इसे देखकर सुनाई अपने जीवन से जुड़ी कहानी

ये दरवाजा है खास! पीएम मोदी ने इसे देखकर सुनाई अपने जीवन से जुड़ी कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 दिसंबर 2023 को India Art, Architecture & Design की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान एक प्रवेश द्वार के सेक्शन को देखने के बाद उन्हें पुराने समय की याद आ गई।

प्रधानमंत्री ने इस दरवाजे का क्यों किया जिक्र, जानें- India TV Hindi Image Source : INDIA TV प्रधानमंत्री ने इस दरवाजे का क्यों किया जिक्र, जानें

नई दिल्ली: 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी India Art, Architecture & Design की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें देश भर के अलग-अलग भागों के एंट्री गेट को दिखाया गया। इन गेटों को देखते हुए वो अचानक पुरानी यादों में खो गए और एक ऐसा किस्स सुनाया जो बहुत ही कम लोगों को पता है। आइए आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्या किस्सा शेयर किया जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।

प्रधानमंत्री ने सुनाया पुराना किस्सा

देश के प्रधानमंत्री ने अपने एक किस्से को याद करते हुए बताया कि कई सालों पहले जब वो अहमदाबाद में रहते थे तब उन्होंने एक दरवाजा बनाया था। इस दरवाजे को उन्होंने उन ब्लॉक प्रिंट्स का इस्तेमाल करते हुए बनाया था जिसका प्रयोग राजस्थानी ब्लॉक प्रिंट्स के लिए होता था। इसमें खास बात यह है कि ये सारे ब्लॉक उपयोग होने के बाद वेस्ट हो गए थे और उनको जोड़कर प्रधानमंत्री ने वह दरवाजा बनाया था। प्रधानमंत्री द्वारा यह किस्सा सुनने के बाद क्यूरेटर ने कहा कि काश वह दरवाजा अभी भी होता तो उसको भी प्रदर्शनी में लगा सकते थे। इस बात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि वह दरवाजा आज भी है और उसका इस्तेमाल भी किया जाता है।

कहां है वह दरवाजा?

इस किस्से के बाद उस दरवाजे की खोज की गई। जांच करते हुए पता चला कि वह दरवाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संस्कारधाम स्थित घर में लगा हुआ है और वह बिल्कुल उसी तरह का दरवाजा है जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था।

किस्से से मिला बड़ा संदेश

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस सस्टेनेबल लाइफ स्टाइल की बात करते हैं और जिसे प्रमोट करने के लिए उन्होंने मिशन लाइफ को लॉन्च किया, उस लाइफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी लंबे समय से जीते आ रहे हैं। इसके अलावा इस किस्से से वेस्ट में से बेस्ट के कॉन्सेप्ट का भी बड़ा संदेश निकलकर सामने आता है। जो लोग यह सोचते हैं कि कैसे PM खुद को हर स्थिति से जोड़ पाते हैं, उनके लिए यह एक बड़ उदाहरण है। दशकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ना जाने कितने ही लोगों से मिले और ना जाने कितने ही जगहों पर घूमने के लिए गए होंगे और उनसे कितना कुछ ग्रहण किया है जो उन्हें आज भी याद है।

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