देश की राजधानी दिल्ली में इंसानों के लिए रहना मुश्किल हो गया है। हर रोज हवा खतरनाक मोड़ पर जाती दिखाई दे रही। दिल्ली में धुएं की मोटी परत छाये रहने के चलते शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद ही खराब रही है। राष्ट्रीय राजधानी में बदलते मौसम और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के कारण शाम चार बजे एक्यूआई 447 दर्ज किया गया। फेफड़े को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) का सकेंद्रण कई इलाकों में 470 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो 60 माइक्रोग्राम की सुरक्षित सीमा से करीब आठ गुना अधिक है।
दिल्लीवासी आ रहे हैं चपेट में
गौरतलब है कि 400 से ऊपर का एक्यूआई काफी गंभीर माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और रोगों से ग्रसित लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि इसका असर देखने को भी मिल रहा है। कई लोगों को सांस लेने में समस्या आ रही है और कई लोगों को आंखों में जलन हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 2.5 के सकेंद्रण को सुरक्षित माना जाता है। वायु गुणवत्ता निगरानी वाले लगभग सभी स्टेशन में गंभीर एक्यूआई दर्ज किया गया जबकि इनमें से 13 स्टेशन में एक्यूआई 450 से ऊपर रहा।
मुख्यमंत्री ने किया एलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए शनिवार से प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की एलान किया है। वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारियों को सोमवार से घर से काम करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि निजी कार्यालयों को भी इस नियम का अनुसरण करने के संबंध में परामर्श जारी किया जाएगा। राय ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए सरकार ‘पर्यावरण बस सेवा’ भी शुरू करेगी, जिसमें 500 निजी सीएनजी बसें शामिल की जाएंगी।
गंभीर स्थिति में दिल्ली
दिल्ली में बृहस्पतिवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया जो ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब है। दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष के दौरान सबसे अधिक है।