नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार (29 जून) को केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से कोविड-19 को लेकर लागू बंद के दौरान तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए कुछ विदेशी नागरिकों की याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में तबलीगी जमात से जुड़े इन विदेशी नागरिकों ने उनके लिये वैकल्पिक आवास की जगहों में तीन और जगहों को शामिल करने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को इस मामले में नोटिस जारी कर उनसे इस संबंध में निर्देश लेने को कहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई कर रही अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है। याचिका में तबलीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों के ठहरने के लिये तीन और वैकल्पिक स्थानों को शामिल किये जाने के उद्देश्य से अदालत के 28 मई के आदेश में बदलाव का अनुरोध किया गया है। इन लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चल रही है।
उच्च न्यायालय ने 28 मई को निर्देश दिया था कि मरकज में शामिल हुए 955 विदेशी नागरिकों को संस्थागत पृथक-वास केंद्र से रहने की नौ वैकल्पिक जगह पर स्थानांतरित किया जाए। कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं मिलने के बावजूद इन लोगों को 30 मार्च से वहीं रखा जा रहा था।
अधिवक्ता मंदाकिनी सिंह और आशिमा मंडला के जरिये दायर की गई याचिका में कहा गया कि मेराज इंटरनेशनल स्कूल में ठहराये गए 65 विदेशी नागरिकों ने वहां के इंतजामों के संदर्भ में असुविधा की बात कही थी। इस याचिका में समुदाय इन 65 विदेशी नागरिकों को मेराज इंटरनेशनल स्कूल से मौजपुर में टेक्सन पब्लिक स्कूल में तत्काल स्थानांतरित करने की इजाजत देने का अनुरोध कर रहा है। समुदाय ने इसके अलावा भविष्य में जरूरत पड़ने पर इन विदेशी नागरिकों को ठहराये जाने के लिये दो और वैकल्पिक स्थानों की जानकारी दी है।