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Hindi News दिल्ली स्वाति मालीवाल केस: अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव को राहत नहीं, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

स्वाति मालीवाल केस: अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव को राहत नहीं, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Bibhav kumar- India TV Hindi Image Source : PTI बिभव कुमार

Swati Maliwal case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को एक बार फिर राहत नहीं मिली। तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले भी बिभव को चार दिन और फिर तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। आज फिर उनकी न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

जमानत याचिका हो चुकी है खारिज

इससे पहले पिछले सोमवार को तीस हजारी कोर्ट बिभव की जमानत याचिका भी खारिज कर चुकी है। स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत के बाद बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था। 

जांच में सहयोग नहीं कर रहे बिभव: पुलिस

बता दें कि दिल्ली पुलिस कोर्ट में यह लगातार दलील देती रही है कि बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे सवालों का गोलमोल जवाब दे रहे हैं। पुलिस का यह भी आरोप है कि वे मोबाइल का पासवर्ड भी नहीं बता रहे हैं जिसके जरिए इस पूरे मामले में अहम जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

क्या है मामला

दरअसल, स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि जब वह 13 मई को अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए सीएम हाउस पहुंची तो वहां बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की थी। उसी वक्त उन्होंने पुलिस को फोन भी लगाया था लेकिन किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। बाद में दिल्ली पुलिस की टीम उनके घर पहुंची और उन्होंने पुलिस को इस घटना के संदर्भ में बयान दर्ज कराया। स्वाति मालीवाल के बयान के आधार पर दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया। 

वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उनका कहना है कि इस मामले में न्याय होना चाहिए।