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Hindi News दिल्ली दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल का सच, अस्पताल के बाहर मर रहे हैं मरीज

दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल का सच, अस्पताल के बाहर मर रहे हैं मरीज

दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या 26 हज़ार से ज्यादा हो गई है और अबतक 708 मरीजों की मौत हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार दावा करती है कि स्थिति काबू में है।

Suspected Coronavirus patient death in GTB hospital- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Suspected Coronavirus patient death in GTB hospital

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव केसेज की संख्या 26 हज़ार से ज्यादा हो गई है और अबतक 708 मरीजों की मौत हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार दावा करती है कि स्थिति काबू में है। केजरीवाल सरकार के दावों के बावजूद अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। मरीजों को अस्पताल एंट्री देने से रोक रहे हैं जिसके बाद मरीज अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे हैं।

पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें स्ट्रेचर पर एक शख्स को दिखाया गया है जो इलाज के अभाव में मर जाता है। अगर सही वक्त पर डॉक्टर देख लेते तो शायद वो आज जिंदा होता। अब इस शख्स के परिवार वाले इंसाफ की मांग कर रहे हैं। 

इस वायरल वीडियो के सच की पड़ताल की गई तो पता चला कि स्ट्रेचर पर लेटे शख्स का नाम रवि अग्रवाल है। दो दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हुई थी। परिवार वाले पहले आरएमएल अस्पताल ले गए, फिर राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले गए और आखिर में जीटीबी अस्पताल लेकर आए।

चार घंटे तक जीटीबी अस्पताल में एक वॉर्ड से दूसरे वॉर्ड तक भागते रहे, मिन्नतें करते रहे लेकिन सबने यही कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ये अस्पताल कोरोना अस्पताल है। पहले मरीज के पॉजिटिव होने का रिपोर्ट लेकर आइये तब इलाज शुरू करेंगे।

अब अस्पताल वालों को अफसोस हो रहा है। बता रहे हैं कि अब ऐसा फिर से नहीं होगा लेकिन जैसे ही इंडिया टीवी की टीम डॉक्टर से बात करके बाहर निकले तो उनकी नजर एक महिला पर पड़ी। पता चला महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। स्थिति बिगड़ती जा रही थी। इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल आई थी।

डॉक्टरों ने मरीज को इमरजेंसी में देखने के बाद अस्पताल से बाहर भेज दिया। ना कोरोना जांच हुई, ना एडमिट किया। परिवार वाले मरीज को फिर प्राइवेट अस्पताल लेकर चले गए।

बड़े-बड़े दावों की हकीकत नजर आ जाएगी फिर चाहे प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी। केजरीवाल का कोरोना ऐप तक कहीं काम नहीं कर रहा। किस अस्पताल में कितने मरीज हैं और कितने बेड खाली हैं, कहीं कोई जानकारी नहीं है। प्राइवेट और सरकारी दोनों अस्पताल में बेड को लेकर कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन है।