नई दिल्ली: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है। करीब 15 साल पहले दफ्तर से घर लौटते समय सौम्या विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में पिछले 13 साल में 320 सुनवाई हुई है। 30 सितंबर 2008 को दफ्तर से नाइट शिफ्ट के बाद घर लौटते समय दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर सौम्या विश्वनाथन की हत्या हुई थी। सौम्या का शव उसकी कार में मिला था।
6 महीने बाद हुआ था मामले का खुलासा
दिल्ली की साकेत अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडेय ने आरोपियों को दोषी करार दिया। सौम्या विश्वनाथन के पिता एमके विश्वनाथन और मां माधवी विश्वनाथन भी दिल्ली में ही मौजूद हैं। इस मर्डर केस की खास बात ये रही कि इसका खुलासा करने में पुलिस को 6 महीने लग गए थे।
चलती गाड़ी में मारी गई थी गोली
सौम्या विश्वनाथन की हत्या तड़के 3.30 बजे उस वक्त की गई थी जब वह अपनी गाड़ी से दफ्तर से वापस घर लौट रही थी। सौम्या को चलती गाड़ी में गोली मारी गई थी। पुलिस के मुताबिक हत्या का मकसद लूटपाट करना था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया था।
16 नवंबर 2010 से शुरू हुई थी केस की सुनवाई
मार्च 2009 में बीपीओ कर्मचारी जिगिशा घोष की हत्या के मामले में गिरफ्तार रवि कपूर और अमित शुक्ला ने पूछताछ में सौम्या की हत्या की बात कबूल की। इस हत्याकांड की सुनवाई 16 नवंबर 2010 को दिल्ली के साकेत कोर्ट में शुरू हुई।