दिल्ली मेट्रो में एक सिख धर्म के व्यक्ति को कृपाण के साथ मेट्रो स्टेशन में प्रवेश नहीं मिलने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Minorities Commission) ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली मेट्रो के चेयरमैन और मुख्य सचिव दिल्ली से रिपोर्ट मांगी है और उचित कार्रवाई की मांग उठाई है। दरअसल, दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने आयोग को बताया कि उनको कृपाण के साथ द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने से रोक दिया गया और कृपाण को हटाने के लिए कहा गया।
कृपाण सिख धर्म का एक अभिन्न अंग है
आयोग के मुताबिक, कृपाण सिख धर्म का एक अभिन्न अंग है और संविधान का अनुच्छेद 25 सिख व्यक्तियों द्वारा कृपाण पहनने और ले जाने की अनुमति देता है। इस घटना ने सिखों की धार्मिक भावना को आहत किया है। इसलिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने डीएमआरसी चैयरमेन और दिल्ली के मुख्य सचिव से मामले में रिपोर्ट मांगी है और सबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।
हथियार रखने की भी बात करते हैं सिख धर्मगुरू
पिछले दिनों अमृतसर में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने हर सिख को अपने पास आधुनिक लाइसेंसी हथियार रखने की कोशिश करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अब हालात ऐसे बन रहे हैं और ऐसा वक्त आ रहा है कि हर सिख खुद को बानी पढ़ कर, नाम जप कर, भजन कर बलवान बनाए और साथ ही साथ तंदुरुस्त होकर नशों से दूर रहे। उन्होंने मीरी-पीरी के संस्थापक गुरु हरगोबिंद साहिब के गुरुता गद्दी दिवस पर संगत के नाम जारी संदेश में यह बात कही थी।
उन्होंने आगे कहा था, ''श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने श्री अकाल तख्त की सृजना करके संगतों को उपदेश दिया। जहां बानी पढ़ने का उपदेश दिया, वहीं शस्त्रधारी बनने, घुड़सवारी सीखने और तलवारबाजी का भी उपदेश दिया। समय बदल रहा है, लेकिन गुरु साहिब के उपदेश आज भी कारगर हैं। आज जरूरत है खासकर सिख नौजवान बच्चे-बच्चियां गुरु साहिब के आदेशों की पालन करते हुए शस्त्रधारी बनें, गतकाबाजी, तलवारबाजी और निशानेबाजी सीखें।''