दिल्ली में श्रमशक्ति भवन सोमवार को रहेगा बंद, एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया
दिल्ली में श्रमशक्ति भवन सोमवार को बंद रहेगा क्योकि वहां ऊर्जा मंत्रालय ( Ministry of Power) में काम करने वाले एक सरकारी कर्मचारी का कोरोना का टेस्ट पॉजिटीव आया है।
नई दिल्ली: दिल्ली में श्रमशक्ति भवन सोमवार को बंद रहेगा क्योकि वहां ऊर्जा मंत्रालय ( Ministry of Power) में काम करने वाले एक सरकारी कर्मचारी का कोरोना का टेस्ट पॉजिटीव आया है। श्रमशक्ति भवन ( रफी मार्ग) में ऊर्जा मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, जलशक्ति मंत्रालय , कौशल विकास मंत्रालय आदि का दफ्तर है। सोमवार को यह सब बंद रहेंगे। श्रमशक्ति भवन में काम करने वाले कर्मचारियों को ये मैसेज भेजा गया है।
दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिती पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शहर में कोविड-19 के 75 प्रतिशत मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं और गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों तथा संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों की संख्या ‘‘कम’’ है। मरने वाले लोगों की संख्या ‘‘कम करके बताने’’ को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद केजरीवाल ने कहा, ‘‘गंभीर मरीजों की संख्या कम है। कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है।’’ कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार को केजरीवाल सरकार से और पारदर्शिता बरतने के लिए कहा था तथा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से ‘‘सच बताने’’ की मांग करते हुए कहा था कि लोगों को इस बीमारी की गंभीरता के बारे में जानने का अधिकार है।
दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे 10 अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा था कि विषाणु के कारण मरने वाले लोगों की संख्या दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई संख्या से कहीं अधिक है। हालांकि केजरीवाल ने रविवार को कहा कि इस विषाणु के कारण 73 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के 6,923 मामले सामने आये हैं जिनमें से 2,069 लोग स्वस्थ हो गए हैं जबकि 91 मरीज आईसीयू में और 27 वेंटीलेटर पर हैं। केजरीवाल ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि इस संक्रामक रोग से जान गंवाने वाले 82 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक की आयु के थे। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से इस संक्रमण से बचने के लिए एहतियात बरतने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के 6,923 मरीजों में से केवल 1,476 ही अस्पतालों में भर्ती हैं।’’ उन्होंने बताया कि बाकी मरीजों का उनके घरों तथा कोविड-19 देखभाल केंद्रों में इलाज हो रहा है। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं या हल्के लक्षण हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है तथा उन्हें घर पर ही इलाज मुहैया कराया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीमें यह पता लगाने के लिए उनके घर का निरीक्षण करती हैं कि वहां पृथक रहने के नियम का पालन किया जा सकता है या नहीं। हमारी टीमें ऐसे लोगों के साथ नियमित संपर्क में हैं और अगर जरूरत पड़ती है तो संक्रमित लोग या उनके परिवार के सदस्य अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि अगर घर पर पृथक रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो सरकार मरीज को कोविड-19 देखभाल केंद्र भेज सकती है जहां वह 14 दिनों तक रह सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राजीव गांधी सुपर स्पैश्यिलिटी अस्पताल को दो-तीन पांच-सितारा होटलों से जोड़ा है जहां कोविड-19 से संक्रमित योद्धाओं का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने सुना कि विपक्ष हमारे कदम की आलोचना कर रहा है तो मुझे दुख हुआ। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या कोरोना योद्धाओं को बेहतर सुविधा नहीं दी जानी चाहिए।’’ आप प्रमुख ने कहा कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है बल्कि इस विषाणु के खिलाफ मिलकर लड़ने का वक्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों को एम्बुलेंस मुहैया कराने को कहा है ताकि एंबुलेंस की कमी को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह मतलब नहीं है कि ये निजी एम्बुलेंस अपने अस्पतालों को सेवा मुहैया नहीं करा सकती। जब सरकार को निजी एम्बुलेंसों की सेवा की जरूरत होगी तो उन्हें काम करना होगा। मुझे उम्मीद है कि इससे एम्बुलेंस की कमी नहीं होगी।’’ केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से दिल्ली छोड़कर नहीं जाने की भी अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई जाना चाहता है तो सरकार इसकी व्यवस्था करेगी लेकिन खुद से न जाएं। हमने हाल ही में दो ट्रेनें मध्य प्रदेश और बिहार भेजी हैं।’’ नेहरु विहार में दिल्ली सरकार के एक आश्रयस्थल में शरण लिये 150 प्रवासियों को रविवार को बस से उनके गृह राज्य पंजाब भेजा गया। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार प्रवासियों की खातिर और ट्रेनों का इंतजाम करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रवासी श्रमिक अब भी सड़क पर हैं और वे अपने घर जाना चाहते हैं। उनकी स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वे कई दिनों से पैदल चल रहे हैं।
उन्होंने कई दिनों से कुछ खाया नहीं है, उनके बच्चे उनके कंधों पर हैं इससे मुझे महसूस होता है कि सभी सरकारें और पूरी प्रणाली असफल हो गई है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बिना भोजन या मदद के पैदल चलते देखकर निराशा होती है। उन्होंने दिल्ली के लोगों को कहा कि वे जहां हैं, वहीं रहें क्योंकि लॉकडाउन जल्द समाप्त होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह लॉकडाउन जल्द समाप्त होगा, और सब कुछ पटरी पर लौट आएगा। आपको फिर से रोजगार मिलेगा क्योंकि सब कुछ फिर से चालू होगा। कृपया दिल्ली छोड़कर नहीं जाएं।’’