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Hindi News दिल्ली श्रद्धा मर्डर केस: आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा आरोपी आफताब, सुरक्षा के किए गए विशेष इंतजाम

श्रद्धा मर्डर केस: आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा आरोपी आफताब, सुरक्षा के किए गए विशेष इंतजाम

गत दिनों श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब को पॉलीग्राफ टेस्ट के के बाद FSL कार्यालय से तिहाड़ जेल लाने के दौरान उसपर हमला हो गया था। जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रही है।

श्रद्धा मर्डर केस- India TV Hindi Image Source : FILE श्रद्धा मर्डर केस

श्रद्धा मर्डर केस में गिरफ्तार आरोपी आफताब को आज शुक्रवार को साकेत कोर्ट में पेश किया जायेगा। आफताब इस समय इहाद जेल में बंद है और उसे वहीं से सीधे अदालत में पेशी के लिए ले जाया जाएगा। जिसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी तीसरी बटालियन को तैयार किया है। आरोपी को तीसरी बटालियन की सुरक्षा में ही कोर्ट में ले जाया जाएगा।

 बता दें, पिछले दिनों आफताब को पॉलीग्राफ टेस्ट के के बाद FSL कार्यालय से तिहाड़ जेल लाने के दौरान उसपर हमला हो गया था। जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन विशेष इंतजाम कर रही है। इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जो खुद को हिंदू सेना के कार्यकर्ता बता रहे थे। आफताब जेल नंबर 4 में बंद है। आफताब ने जेल प्रसाशन ने अपनी पसन्द का अंग्रेजी नॉवेल पढ़ने के लिए मांगा था। सूत्रों के मुताबिक आफताब को तिहाड़ जेल में 'द ग्रेट रेलवे बाजार' नॉवेल पढ़ने के लिए दिया जाएगा।

जेल में दिन-रात निगरानी में रहता है आफताब

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की मौजूदगी में ही आफताब को खाना परोसा जा रहा है। वह दिन-रात अधिकारियों के रडार पर भी रहता है और उसके सेल के बाहर एक सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहता है। सुरक्षा कारणों से जेल नंबर 4 के अन्य कैदियों को अलग रखा गया है। हाल ही में सशस्त्र लोगों के एक समूह द्वारा उसे ले जा रही एक पुलिस वैन पर हमला किए जाने के बाद जेल अधिकारियों ने उसके बैरक की सुरक्षा बढ़ा दी है।

आफताब का हुआ नार्को और पोस्ट नार्को टेस्ट

बता दें कि 26 नवंबर को आफताब को दिल्ली की एक अदालत ने 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 2 दिसंबर को एफएसएल अधिकारियों ने जेल के अंदर आफताब का पोस्ट नार्को टेस्ट कराया था। सूत्रों का दावा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उसका फिर से नार्को टेस्ट किया जाएगा। हालांकि नार्को टेस्ट में उसके कबूलनामे को अदालत में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था, फिर भी यह साबित हुआ कि जांचकर्ता सही दिशा में आगे बढ़ रहे थे।