महाराष्ट्र: संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ठाणे में सरनाईक के दो फ्लैट और जमीन के एक हिस्से की कुर्की के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की 2013 की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद एनएसईएल के निदेशकों, प्रमुख अधिकारियों और 25 डिफॉल्टर के खिलाफ जांच शुरू की है।
करीब 5600 करोड़ का है NSEL स्कैम
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि आरोपियों ने निवेशकों को धोखा देने के लिए एक ‘‘आपराधिक साजिश’’ रची, जिसमें एनएसईएल के मंच पर व्यापार करने के लिए उकसाना, फर्जी गोदाम रसीद जैसे जाली दस्तावेज बनाना, खातों में फर्जीवाड़ा करना शामिल है और इस तरह लगभग 13,000 निवेशकों के साथ 5,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। एजेंसी ने कहा कि जांच में पाया गया, ‘‘विभिन्न निवेशकों से एकत्र किए गए धन को एनएसईएल के ‘बॉरोअर्स/ट्रेडिंग’ सदस्यों द्वारा अन्य गतिविधियों जैसे रियल एस्टेट में निवेश, बकाया ऋणों की अदायगी और अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया। सरनाईक और उनकी कम्पनियों की भूमिका के बारे में एजेंसी ने बताया कि एनएसईएल के डिफॉल्टर की ‘आस्था ग्रुप’ नामक एक कम्पनी को एक्सचेंज के 242.66 करोड़ रुपये देने हैं।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में धन शोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार श्रीधर माधव पाटनकर की कम्पनी ‘श्री साईबाबा गृहनिर्मिती प्राइवेट लिमिटेड’ की 6.45 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थी।