दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में हुए दंगे के दौरान पुलिसकर्मियों पर बंदूक तानने के आरोपी शाहरुख पठान को जमानत दे दी है। शाहरुख पठान पर जफराबाद थाने में FIR- 49/2020 दर्ज थी। दिल्ली दंगे के दौरान शाहरुख पठान का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह पुलिसवालों की तरफ बंदूक तानकर गांलियां चला रहा था। मौजपुर इलाके का यह वीडियो काफी वायरल हुआ था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले दिल्ली दिल्ली ने निचली अदालत से शाहरुख पठान की नई जमानत याचिका पर एक महीने के भीतर फैसला करने को कहा था। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के सिलसिले में अखबारों में प्रकाशित तस्वीरों में वह एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल ताने दिखा था। पठान के वकील ने हाई कोर्ट से अपनी लंबित जमानत याचिका वापस लेने और राहत पाने के लिए निचली अदालत का रुख करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, क्योंकि स्थिति में काफी बदलाव आ गया है।
HC ने निचली अदालत को दिया था निर्देश
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा को आरोपी के वकील ने सूचित किया कि उसकी जमानत याचिका जनवरी 2022 से हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है। उन्होंने हाई कोर्ट से निचली अदालत को पठान की जमानत याचिका पर सुनवाई करने और जल्द फैसला लेने का निर्देश देने का आग्रह किया था। हाई कोर्ट ने आरोपी को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा, "निचली अदालत एक महीने के भीतर जमानत याचिका का निस्तारण करे।"
सालों से जेल में बंद था शाहरुख
आरोपी के वकील ने कहा था कि नई जमानत याचिका की आवश्यकता है, क्योंकि परिस्थितियों में बदलाव आ गया है और उसकी पिछली जमानत याचिका खारिज होने के बाद अभियोजन पक्ष के कुछ अहम गवाहों से पूछताछ हो चुकी है। सुनवाई के दौरान, पठान के वकील ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों द्वारा जिन आरोपियों की पहचान की गई थी और जिनके नाम बताए गए थे, उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है, जबकि वह अभी भी जेल में है। उन्होंने दावा किया कि पठान के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और वह लगभग साढ़े तीन साल से जेल में बंद है।
- PTI इनपुट के साथ