नई दिल्ली। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए बच्चों ने साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने, कचरा जलाने या पटाखों पर अंकुश लगाने की मांग की है। यह मांग सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट और क्लीन एयर फंड द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण में बच्चों ने की है। बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रदूषण के प्रभाव को जानने के लिए सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट ने मेरा प्लैनेट मेरा घर नामक पहल के तहत दिल्ली के 28 इलाकों में कमजोर आय वर्ग के 10,000 बच्चों के बीच यह सर्वेक्षण किया था।
बच्चों पर प्रदूषण के व्यापक प्रभाव को दूर करने के लिए, सेसमे वर्कशॉप इंडिया ने एक्शन इंडिया, चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया और चिंतन एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड एक्शन ग्रुप जैसे गैर-लाभकारी संगठनों के साथ भागीदारी की, जिन्होंने दिल्ली में कम संसाधन वाले समुदायों के लगभग 10,000 बच्चों से प्रतिक्रियाओं को जानने में उनकी मदद की। चिंतन के विशेषज्ञों ने बच्चों की उम्र के अनुसार बच्चों के अनुकूल दृश्यों के साथ सर्वेक्षण को डिजाइन करने में भी मदद की ताकि बच्चे आसानी से सर्वेक्षण में जवाब दे सकें।
चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया की मुख्य कार्यकारी दीपा बजाज ने कहा कि हम आम तौर पर समझते हैं कि छोटे बच्चे पर्यावरण और वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों के प्रति समझ नहीं रखते होंगे, लेकिन इस सर्वेक्षण ने हमारी आंखें खोल दी क्योंकि बच्चे कचरा जलाने, आसपास के कारखानों से प्रदूषण और वाहनों के आवागमन जैसी चीजों के बारे में बात कर पा रहे थे। महामारी के बीच बच्चों की प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड करना चुनौतीपूर्ण था लेकिन बच्चे अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए रोमांचित और उत्साहित थे और हमें खुशी है कि हम उनकी आवाज को सेसमे वर्कशॉप इंडिया तक पहुंचाने में मदद कर पाए हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण पर प्रदूषण के प्रभाव को संबोधित कर रहा है।
सेसमे वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी, सोनाली खान ने कहा कि स्वच्छ हवा, पीने योग्य पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुंच की कमी निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों को कहीं अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करती है। इसलिए, बच्चों के स्वास्थ्य और बढ़ते विकास के लिए, सेसमे वर्कशॉप इंडिया ने दिल्ली के कम संसाधन वाले समुदायों के लगभग 10,000 बच्चों के पर्यावरण सम्बंधित समस्याओं को समझने और उनके स्थानीय जन प्रतिनिधियों के समक्ष रखने के लिए, अन्य गैर लाभकारी संस्थाओं से भागीदारी की है।