Satyendar Jain Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी का शनिवार को विरोध किया। इस बीच, अदालत ने दो सह-आरोपियों अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन को मामले में जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जैन की जमानत अर्जी पर ईडी द्वारा दाखिल जवाब को दर्ज किया और मामले की सुनवाई 23 अगस्त के लिए निर्धारित कर दी। माना जा रहा है कि इसी तारीख पर अदालत सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन की जमानत अर्जी पर आदेश जारी कर सकती है।
ईडी ने अर्जी के विरोध में कोर्ट में क्या दलील रखी
ईडी ने अपने जवाब में सत्येंद्र जैन की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जांच अहम चरण में है और आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो कि जमानत पर रिहा किये जाने पर जांच को प्रभावित कर सकते हैं। केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि जैन उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जिनसे मामले में अभी जिरह नहीं की गई है। न्यायाधीश ने पूनम जैन को दी गई जमानत सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रखने का आदेश दिया। मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत 24 अगस्त 2017 को सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि जैन ने दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित की।
सत्येंद्र जैन को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित
बता दें कि इससे पहले 16 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार आप नेता सत्येंद्र जैन को ‘‘विकृतचित्त व्यक्ति’’ घोषित करने और इस आधार पर उन्हें विधानसभा सदस्य और मंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराए जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, "हम उचित आदेश पारित करेंगे।" याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत के समक्ष देखा गया है कि जैन की ‘‘याददाश्त खो गई है’’ और इसलिए उन्हें विधानसभा सदस्य नहीं रहने दिया जाना चाहिए।