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Hindi News दिल्ली Satyendar Jain: सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, बेनामी संपत्ति मामले में कार्यवाही हुई बंद

Satyendar Jain: सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, बेनामी संपत्ति मामले में कार्यवाही हुई बंद

Satyendar Jain: दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले में कार्यवाही बंद कर दी है। जैन अभी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में हैं।

Satyendar Jain- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Satyendar Jain

Highlights

  • बेनामी संपत्ति मामले में जैन के खिलाफ केस बंद
  • अभी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं सत्येंद्र जैन

Satyendar Jain: आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को बेनामी संपत्ति के मामले में सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप हाई कोर्ट ने जैन के खिलाफ बेनामी एक्ट के तहत कार्यवाही बंद कर दी है। जैन फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं। 

बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत कार्यवही शुरू करने के खिलाफ जैन और अन्य की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। हाई कोर्ट ने इसके पहले 20 सितंबर को कहा था कि जैन के खिलाफ संशोधित बेनामी कानून के तहत कोई कार्रवाई (जबरन या अन्य तरह की) नहीं की जाए। 

कानून के अमल में आने के पहले के मामलों में लागू नहीं: SC 

अदालत ने रेखांकित किया कि आयकर विभाग ने एक अन्य मामले में बयान दिया था कि यद्यपि वह कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कानूनी उपचार का रास्ता अख्तियार कर रहा है, लेकिन याचिकाकर्ता पक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बेनामी लेनदेन (प्रतिषेध) संशोधन कानून-2016 इसके अमल में आने के पहले के मामलों में नहीं लागू होगा। 

बेनामी कार्यवाही की प्रकृति सियासी उत्पीड़न की थी: अधिवक्ता

शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके लागू होने से पहले के लेन-देन के लिए सरकार इस कानून के तहत जब्त करने की कार्यवाही या आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं कर सकती। जैन के अधिवक्ता ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ बेनामी कार्यवाही की प्रकृति सियासी उत्पीड़न की थी। जैन के मुताबिक, कथित बेनामी लेनदेन वर्ष 2011 और 31 मार्च, 2016 के बीच का है, इसलिए नवंबर, 2016 में लागू संशोधित कानून इस पर लागू नहीं होता।