दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने लगभग 77,000 पूर्व सैनिकों (ESM), ईएसएम की विधवाओं और उनके परिवारों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में चार जिला सैनिक बोर्ड (ZSB) की स्थापना को मंजूरी दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद, जो राज्य सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, दक्षिण-पश्चिम, पूर्व/शाहदरा, उत्तर-पश्चिम और मध्य/नई दिल्ली जिलों में अब जेडएसबी होंगे। जिनमें से प्रत्येक में 10 अधिकारी होंगे। ये अधिकारी ईएसएम के पुनर्वास की जरूरतों को पूरा करेंगे। राज्य या जिला सैनिक बोर्ड अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/जिलों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के लिए नीति निर्माण और पुनर्वास और कल्याण योजनाओं की देखरेख करेगा।
केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए, एलजी ने सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति केजरीवाल सरकार की अन्यायपूर्ण उदासीनता पर दुख भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके कारण इस योजना के प्रस्ताव में लगभग 3 वर्षों की देरी हुई। वर्ष 2019 में तत्कालीन एलजी द्वारा प्रस्ताव को शुरू में मंजूरी दी गई थी और जीएनसीटीडी को भेज दिया गया था। इसकी फाइल जो केजरीवाल मंत्रिमंडल ने 2019 में बनाई थी। मई 2022 में लगभग ढाई साल के बाद कैबिनेट के फैसले के बाद इसे मंजूरी दे दी गई थी। इस साल 27 सितंबर को मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर किए जाने के बाद उपराज्पाल को भेजी गई थी।
2019 में लिया गया था निर्णय
दिसंबर 2019 में, तत्कालीन उपराज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य सैनिक बोर्ड की 13वीं बैठक में, दिल्ली के एनसीटी में रहने वाले ईएसएम, दिल्ली में स्थित ईएसएम संघों के साथ-साथ 3 सेवा मुख्यालयों से प्राप्त इनपुट के आधार पर, 4 जेडएसबी स्थापित करने का निर्णय लिया गया। तत्कालीन एलजी ने ईएसएम नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए संज्ञान लेने का निर्देश दिया। इस आशय का एक ठोस प्रस्ताव शुरू करने के लिए निर्णयों से राजस्व विभाग (राज्य सैनिक बोर्ड के प्रशासनिक विभाग प्रभारी) को अवगत कराया गया। रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित मानदंडों के अनुसार, चार जेडएसबी की स्थापना के लिए वित्तीय लागत 16.69 करोड़ रुपये होंगे, जिसमें से केंद्र सरकार 60 प्रतिशत हिस्सा वहन करेगी, बाकी राज्य सरकार देगी।