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Hindi News दिल्ली दिल्ली के शाही ईदगाह पर प्रदर्शन को लेकर फैलाई गई अफवाह, सैकड़ों लोग जुटे, भारी पुलिस बल तैनात

दिल्ली के शाही ईदगाह पर प्रदर्शन को लेकर फैलाई गई अफवाह, सैकड़ों लोग जुटे, भारी पुलिस बल तैनात

राजधानी दिल्ली के शाही ईदगाह के पास आज शाम बड़ी तादाद में लोग जमा होने लगे। व्हाट्स एप पर लोगों को मैसेज मिला जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे।

शाही ईदगाह- India TV Hindi Image Source : PTI शाही ईदगाह

नई दिल्ली:  दिल्ली के शाही ईदगाह पर प्रदर्शन को लेकर फैलाई गई अफवाह को लेकर बड़ी तादाद में लोग वहां जमा हो गए और माहौल गरमा गया। इसके बाद परिसर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार कुछ लोग बाहर के आए थे उन्होंने नारेबाजी की और यहां से चले गए। फिलहाल हालात नियंत्रण में है। वहीं दिल्ली पुलिस ने लोगों से शांति की अपील की है।

मोबाइल पर आया मैसेज 

बताया जाता है कि शाम 4 बजे के आसपास व्हॉट्सएप पर बड़ी संख्या में लोगों के मोबाइल पर मैसेज आया और शाही ईदगाह पर प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गई। इस मैसेज के बाद देखते ही देखते बड़ी तादाद में लोग शाही ईदगाह के पास जमा होने लगे। पुलिस को जब इसकी खबर मिली तो उसने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। लोगों से बात की और उन्हें समझा बुझा कर वापस भेज दिया। दरअसल ईदगाह के पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने का विरोध किया जा रहा है।

रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का विरोध

दरअसल, शाही ईदगाह प्रबंधन समिति ने सदर बाजार स्थित शाही ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट याचिका दाखिल की थी जिसपर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ‘राष्ट्रीय गौरव’ हैं और इतिहास को ‘सांप्रदायिक राजनीतिक’ आधार पर बांटना नहीं चाहिए।  हाईकोर्ट ने कहा था कि समिति का इरादा अदालत के माध्यम से सांप्रदायिक राजनीति करना है और मामले को धार्मिक रंग दिया जा रहा है। 

इतिहास को सांप्रदायिक राजनीति के आधार पर न बांटें

मनोनीत मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा, ‘‘इसे धार्मिक रंग दिया जा रहा है। यह गर्व की बात है कि आपके पास यह प्रतिमा है। एक तरफ हम महिला सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं। वह सभी धार्मिक सीमाओं से परे एक राष्ट्रीय गौरव हैं और आप यह धार्मिक आधार पर कर रहे हैं। इतिहास को सांप्रदायिक राजनीति के आधार पर न बांटें।’’