नई दिल्ली: दिल्ली में इस साल रामलीला का आयोजन होगा लेकिन कोविड पाबंदियों के कारण उत्सव अन्य वर्षों के मुकाबले साधारण रहेगा। पाबंदियों के बावजूद कई आयोजक डीडीएमए (दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) द्वारा रामलीला आयोजन की अनुमति मिलने से बहुत खुश हैं। गौरतलब है कि महामारी के कारण पिछले साल उत्सव का आयोजन ऑनलाइन हुआ था। लाल किले में हर साल रामलीला का आयोजन करने वाली ‘लव कुश रामलीला समिति’ छह से 16 अक्टूबर तक 10 दिनों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू करेगी।
पिछले साल रामलीला का ऑनलाइन आयोजन करने वाली समिति के सचिव अर्जुन कुमार ने बताया, ‘‘हम उत्सव के दौरान डीडीएमए के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। कुर्सियों के बीच में पांच फुट की दूरी रखी जाएगी। आयोजन स्थल पर ‘मास्क के बिना प्रवेश नहीं’ के बैनर लगाए जाएंगे और सेनिटाइजेशन अनिवार्य होगा।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम की मदद से मैदान को प्रतिदिन साफ किया जाएगा ताकि स्वच्छता बनी रहे। लाल
किला में 1924 से रामलीला का आयोजन कर रही ‘श्री धार्मिक लीला समिति’ ने अपने 10 दिन के कार्यक्रम को एक दिन में समेट दिया है और इसका आयोजन ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित इस्कॉन मंदिर में होगा। समिति के प्रेस सचिव रवि जैन ने कहा, ‘‘लाल किला मैदान का मजा तो तब है जब 10 दिन में पांच लाख से अधिक लोग आएं, यह मेला केवल (रामलीला) मंचन के कारण नहीं होता, इसमें खाने-पीने के स्टॉल, बच्चों के लिए झूले आदि भी होते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हम 10 दिनों तक चलने वाले उत्सव को महज एक दिन में समेट देंगे।’’ डीडीएमए ने रामलीला के आयोजन की अनुमति 30 सितंबर को दी। यह अनुमति छह अक्तूबर को आयोजन से महज एक सप्ताह पहले दी गयी, इसके कारण अजमेरी गेट के रामलीला मैदान में इसका आयोजन करने वाली श्रीराम लीला समिति ने इस बार आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है।