Railway Recruitment Scam: रेलवे भर्ती घोटाले में CBI ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने बिहार के पूर्व सीएम और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी और उनके OSD रह चुके भोला यादव (Bhola Yadav) को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी नौकरी के लिए कथित जमीन लेने के मामले में हुई है। इसके अलावा बिहार (Bihar) में करीब 4 जगहों पर सर्च ऑपरेशन भी जारी है। इसमें 2 रेड दरभंगा और 2 रेड पटना (Patna) में चल रही हैं। ये घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है। सूत्रों के मुताबिक, भोला यादव (Bhola Yadav) इस मामले का मास्टरमाइंड है। सीबीआई (CBI) पटना के दो ठिकानों पर सर्च कर रही है, जिसमें एक भोला यादव (Bhola Yadav) के CA का है। इसके अलावा दरभंगा के भी दो ठिकानों पर सर्च चल रही है। बता दें कि 18 मई को सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
क्या है स्कैम
ये गिरफ्तारी भर्ती के बदले जमीन लेने के आरोपों के तहत की गई है। दरअसल भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के OSD रहे थे। इस दौरान लालू रेल मंत्री थे। भोला यादव (Bhola Yadav) के ऊपर आरोप हैं कि वह घोटाले का कथित तौर पर सरगना हैं। इस मामले में सीबीआई पहले लालू यादव से जुड़ी 17 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। सीबीआई की ये कार्रवाई 14 घंटे तक चली थी। छापेमारी के दौरान लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों की जांच की गई थी।
लालू के हनुमान कहे जाते हैं भोला यादव
भोला यादव को लालू यादव का बहुत करीबी माना जाता है। वह लालू के हनुमान भी कहे जाते हैं। सीबीआई ने 4 दिन पहले उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया था। नौकरी के बदले जमीन मामले में हुई इस गिरफ्तारी से कई बड़े राज खुल सकते हैं। भोला को हमेशा से ही लालू के साथ देखा जाता रहा है। कोर्ट हो या हॉस्पिटल, वह हमेशा लालू के सहायक के रूप में मौजूद होते हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बहादुरपुर सीट से विधायक भी चुने गए थे। हालांकि 2020 चुनाव में वे हायाघाट सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें तेजस्वी यादव का भी काफी करीबी माना जाता है।