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Hindi News दिल्ली Exclusive: राघव चड्ढा बोले- हरियाणा में सपा-AAP चाह रही थी कांग्रेस से गठबंधन, दिल्ली को लेकर कही बड़ी बात

Exclusive: राघव चड्ढा बोले- हरियाणा में सपा-AAP चाह रही थी कांग्रेस से गठबंधन, दिल्ली को लेकर कही बड़ी बात

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के संबंध में अपनी टिप्पणियों से सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने दिल्ली में पार्टी के मजबूत मतदाता आधार और चुनावी नतीजों पर गठबंधन के संभावित प्रभाव पर भी बयान दिया है।

AAP नेता राघव चड्ढा - India TV Hindi Image Source : INDIA TV AAP नेता राघव चड्ढा

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि दिल्ली में उनकी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में आप अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। यहां के लोग अरविंद केजरीवाल के नाम पर आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं और हमें पिछले चुनावों में 50% से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। इसलिए हमें दिल्ली में किसी की मदद की ज़रूरत नहीं है। 

आप की दिल्ली में भारी बहुमत की सरकार

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में उनकी पार्टी आजाद भारत की सबसे बड़े जनादेश की सरकार चला रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली में शीला दीक्षित के समय कांग्रेस का दौर अलग था और अब अलग दौर है। शीला दीक्षित के दौर की समाप्ति के बाद ही आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ।

हरियाणा चुनाव के रिजल्ट भी बोले राघव चड्ढा

आप नेता चड्ढा ने हरियाणा विधानसभा चुनावों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि करीब से देखने पर पता चलता है कि भाजपा की जीत उनकी सफलता से ज्यादा कांग्रेस की हार से जुड़ी है। यहां पर ज्यादातर मतदाताओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया। वो अलग बात अलग-अलग कारणों की वजह से उनकी सीटें ज्यादा आ गई।

हरियाणा में सपा भी चाह रही थी कांग्रेस से गठबंधन

राघव चड्ढा ने कहा कि अगर हरियाणा में इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके कांग्रेस चुनाव लड़ती तो चुनाव के नतीजे कुछ और होते। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन की पूरी कोशिश की लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। हरियाणा में अखिलेश यादव भी कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहते थे। सपा, आप का वोट शेयर मिला दें तो कांग्रेस को बहुमत आसानी से मिल जाता।

बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन नहीं हो पाया था और दोनों पार्टियां अकेले चुनाव लड़ीं। प्रदेश में कांग्रेस को 37 सीटें मिली और बहुमत से पीछे रहे गई जबकि बीजेपी 48 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। आप को यहां एक भी सीट नहीं मिली लेकिन पांच सीटों पर कांग्रेस को जरुर नुकसान पहुंचाया।