नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन इससे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन खत्म नहीं होगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह भी कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को निश्चित रूप से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) की नौवीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन उनके लिए अस्तित्व की लड़ाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस पर हिंसा की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें निश्चित रूप से कड़ा दंड मिलना चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन इस हिंसा की वजह से कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन खत्म नहीं होगा। मुद्दे अब भी जस के तस बने हुए हैं इसलिए आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम लोग आंदोलनरत किसानों का शांतिपूर्ण तरीके से समर्थन करते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि मंगलवार की हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा, ‘‘इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हो उसे सजा मिलनी चाहिए, मैं यहां किसी खास व्यक्ति का उल्लेख नहीं कर रहा हूं जिनके खिलाफ पुलिस ने फर्जी मामले दर्ज किए हैं। जो भी जिम्मेदार हो, जो भी पक्ष जिम्मेदार हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’
राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था। दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए।
इस दौरान कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए और वहां ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। इस बीच दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस कर्मियों को पत्र लिखा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के हिंसक हो जाने पर आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया।
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