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Hindi News दिल्ली Qutub Minar : कुतुब मीनार परिसर में नमाज को लेकर घमासान, मस्जिद के इमाम का आरोप-ASI ने लगाई रोक

Qutub Minar : कुतुब मीनार परिसर में नमाज को लेकर घमासान, मस्जिद के इमाम का आरोप-ASI ने लगाई रोक

Qutub Minar : एएसआई के मुताबिक कुतुब मीनार में नमाज पढ़ने की इजाजत कभी नहीं थी। लोग जबरदस्ती वहां नमाज पढ़ते थे।

Qutub Minar- India TV Hindi Image Source : FILE Qutub Minar

Qutub Minar : कुतुब मीनार (Qutub Minar) के मामले को लेकर जहां एक ओर साकेत कोर्ट (Saket Court) में सुनवाई हो रही है वहीं नमाज (Namaz ) को लेकर वहां घामसान छिड़ गया है। कुतुब मीनार परिसर स्थित मुगल मस्जिद (Masjid) के इमाम ने आरोप लगाया है कि भारतीय पुरात्तव संस्थान (ASI) ने नमाज पर रोक लगा दी है। इमाम का कहना है कि वो इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे। वहीं इमाम के आरोपों पर एएसआई (ASI) का जवाब भी आया है। एएसआई (ASI) के मुताबिक कुतुब मीनार (Qutub Minar)  में नमाज पढ़ने की इजाजत कभी नहीं थी। लोग जबरदस्ती वहां नमाज पढ़ते थे। एएसआई का कहना है कि क़ुतुब मीनार (Qutub Minar) एक Non living monument है और living monument में कभी धार्मिक गतिविधियां नहीं होती हैं। एएसआई के मुताबिक कुतुब मीनार में नमाज न पढ़ने दिए जाने के आदेश को अब सख़्ती से लागू किया जा रहा है।

46 साल से मुगल मस्जिद में नमाज हो रही है, किसी ने नहीं रोका-इमाम

कुतुब मीनार में बने मुगल मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने  कहा कि ASI ने पहले कभी हमें नमाज अदा करने से नहीं रोका। जो मस्जिद पहले से है वहा नमाज जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सन 76 से नमाज अदा कर रहा हूं 46 साल हो गए। नीली मस्जिद, काली मस्जिद निजामुदीन, जामा मस्जिद में नमाज हो रही है ये सब ASI के अंदर आती है। उन्होंने कहा कि 65 में से 12 मस्जिदों मे नमाज हो रही है।

कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद के बरामदे में हर खम्भे में मूर्ति बनी हुई है-इमाम

इमाम ने कहा की जहां देवी-देवताओं की मूर्तियां होती हैं वहां नमाज अता नहीं की जा सकती। कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद अब खंडहर की तरह है  वहां नमाज अदा नहीं होती। उसकी दीवारों पर पूजा पाठ करते हुए की आकृति है, देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। हालांकि इमाम ने हैरान करने वाली दलील देते हुए बताया की मस्जिद के बरामदे में हर खम्भे में मूर्ति बनी हुई है। मस्जिद के निर्माण के लिए जगह-जगह से खम्बे खरीदे, और मस्जिद का निर्माण किया गया। जहां मूर्ति फोटो होंगी वहा नमाज अदा नहीं की जा सकती।

13 मई से ASI ने नमाज पर रोक लगा दी-इमाम

उन्होंने बताया कि 13 मई जुमा (शुक्रवार) से कुतुब मीनार में नमाज पढ़ना बंद करवा दिया गया है।मौलाना शेर मोहम्मद 10 सितंबर 1976 से कुतुब मीनार की मुगल मस्जिद में नमाज पढ़वा रहे हैं,।  उन्होंने बताया कि 13 मई को एक गार्ड आया था उसने बोला की ASI के लोग आए हैं हमें बुलाया गया। ASI वालों ने कहा कि आज से यहां नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। हमने कहा की हम सिर्फ 4 लोग हैं हमें पढ़ने दें बाकी बाहरी लोग नहीं आयेंगे। लेकिन उन्होंने कहा कि आज से यहां नमाज नहीं होगी, उपर से ऑर्डर आया है। 
जल्द नमाज नहीं शुरू हुई तो कोर्ट जाएंगे-इमाम
नमाज़ दोबारा शुरू करने के लिए मौलाना वक़्फ़ बोर्ड, दिल्ली पुलिस और अन्य कई लोगों को पत्र लिख चुके हैं। उनका कहना है कि जल्द नमाज नहीं शुरू हुई तो वो कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार में मस्जिद का निर्माण हुआ-जैन

आपको बता दें कि कुतुब मीनार परिसर में  हिंदू और जैन मूर्तियों के मिलने के बाद वहां पूजा की इजाजत देने की मांग उठने लगी है। हिंदू संगठनों की ओर से ऐसा दावा किया जा रहा है कि मंदिरों को ध्वस्त कर कुतुब मीनार का निर्माण हुआ है। आज साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले के याचिकाकर्ता और वकील हरिशंकर जैन ने यह दलील दी कि 27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार में मस्जिद बनाई गई।

हिंदू और जैन मूर्तियों को प्रदर्शित करने पर विचार

उधर दूसरी ओर संस्कृति मंत्रालय दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मिली हिंदू और जैन मूर्तियों को प्रदर्शित करने पर विचार कर रहा है। एएसआई के अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष तरुण विजय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में मिली गणेश की दो मूर्तियों को परिसर से बाहर ले जाया जाए। 

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है कि क्या इनमें से कुछ मूर्तियों को लेबल लगाकर प्रदर्शित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि मस्जिद का निर्माण मंदिरों के पत्थरों से किया गया, इसलिए विभिन्न रूपों में ऐसी मूर्तियां चारों ओर देखी जा सकती हैं। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इन मूर्तियों को बहाल करने या उन्हें कहीं और ले जाने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्हें प्रदर्शित करने पर विचार किया जा रहा है।