दिल्ली में पुजारी, पत्रकार, दुकानदार, ट्यूशन टीचर, श्रमिक चुनावी मैदान में; अंजान आदमी पार्टी, गरीब आदमी पार्टी भी रेस में
दिल्ली में लगभग 52 छोटे दलों ने राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें अधिकतर की नजर जीत पर नहीं है, बल्कि उनका लक्ष्य भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राष्ट्रीय दलों के वोट बैंक से चंद वोट छीनना है।
लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में दुकानदारों, श्रमिकों, फिटनेस ट्रेनर, फिल्मकारों, धार्मिक गुरुओं, पुजारियों, ट्यूशन शिक्षकों, एलआईसी एजेंट, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, चिकित्सकों और पत्रकारों समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग चुनावी मैदान में हैं। ‘अंजान आदमी पार्टी’, ‘गरीब आदमी पार्टी’, ‘हमारा सही विकल्प पार्टी’, ‘आपकी अपनी पार्टी’ और ‘लोग पार्टी’ जैसे अनोखे नामों वाले दलों ने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य पर छाप छोड़ने की उम्मीद में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
जीत पर नहीं, वोट छीनने पर नजर
राष्ट्रीय राजधानी के सात संसदीय क्षेत्रों में लगभग 52 छोटे दलों ने राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस चुनाव में गृहणियां, पेंशनभोगी और सेवानिवृत्त व्यक्ति भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनमें से अधिकतर की नजर जीत पर नहीं है, बल्कि उनका लक्ष्य भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राष्ट्रीय दलों के वोट बैंक से चंद वोट छीनना है। एकमात्र अशिक्षित और बेरोजगार उम्मीदवार नंद राम बागड़ी (71) उत्तर पश्चिम दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से ‘वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल’ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उनके हलफनामे के अनुसार उसके पास मात्र 1,000 रुपये नकद है। बागड़ी का लक्ष्य चुनावी दौड़ में भाजपा के योगेन्द्र चंदोलिया और कांग्रेस के उदित राज से आगे निकलना है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और कांग्रेस जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ती हैं, वे हमारे मुद्दे हैं, जिन्हें हमने बहुत पहले उठाया था। चाहे वह प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का वादा हो या मुफ्त बिजली एवं पानी देने का वादा हो।’’
बड़े दलों से मुस्लिम और दलित वोट अपने खाते में करना है लक्ष्य
‘भीम आर्मी’ प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के राजनीतिक संगठन ‘आजाद समाज पार्टी’ के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रही एकल मां एवं आठवीं कक्षा पास गृहिणी सीमा रिजवी (41) ने कहा कि उनका लक्ष्य बड़े दलों से मुस्लिम और दलित वोट अपने खाते में करना है। रिजवी ने कहा, ‘‘भाजपा ब्राह्मणों, पंडितों और अन्य उच्च जाति के हिंदू समूहों को समर्पित पार्टी है, जबकि कांग्रेस मुसलमानों के वोट पर राजनीति करती है। इन दोनों दलों ने चांदनी चौक में मुसलमानों और दलितों के विकास के लिए कुछ नहीं किया। मैं केवल चुनावी लाभ के लिए इनका इस्तेमाल करने वाले इन दलों के वोट छीनना चाहती हूं।’’
‘गरीब आदमी पार्टी’ ने पत्रकार रमेश जैन को उतारा मैदान में
इस सीट से तीन बार सांसद रहे कांग्रेस के जे पी अग्रवाल चांदनी चौक से मैदान में हैं और भाजपा ने व्यवसायी प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है। पश्चिमी दिल्ली से स्वतंत्र पत्रकार रमेश कुमार जैन भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन वह अपने लिए वोट नहीं मांग रहे, बल्कि मतदाताओं को सही उम्मीदवार को मत देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। जैन को ‘गरीब आदमी पार्टी’ ने मैदान में उतारा है। वह एक एलआईसी एजेंट के रूप में काम करते हैं, एक विज्ञापन-बुकिंग व्यवसाय के मालिक हैं और ‘जीवन का लक्ष्य’ नामक एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र कर संचालन करते हैं, जिसके माध्यम से वह पाठकों के लिए संदेश प्रसारित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने लिए वोट नहीं मांगता। मैं सही उम्मीदवार को वोट देने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा हूं। मैं उनसे कहता हूं कि उन्हें अपना वोट देने से पहले उम्मीदवार की पृष्ठभूमि, उनके आपराधिक रिकॉर्ड, उनकी विचारधारा और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करना चाहिए।’’
आम आदमी पार्टी (आप) के महाबल मिश्रा और भाजपा की कमलजीत सहरावत पश्चिमी दिल्ली सीट पर चुनावी लड़ाई में आमने-सामने हैं। दिल्ली में 25 मई को मतदान होगा और मतगणना चार जून को की जाएगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)