दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा वाले अध्यादेश को मंत्रिमंडल की मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने बुधवार को दिल्ली में झुग्गी बस्ती वालों को राहत देते हुए बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसलों की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है।
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को दिल्ली में झुग्गी बस्ती वालों को राहत देते हुए बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसलों की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है। कैबिनेट बैठक में दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को अगले तीन सालों के लिए कानूनी संरक्षण मिलेगा। यह मियाद 2020 में पूरी हो रही थी, जिसे फिर से तीन सालों के लिए बढ़ाया गया है। इससे 40 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी, देहातों में कृषि भूमि पर हुए निर्माण के खिलाफ कोर्ट बार-बार आदेश देता था। उसके संरक्षण के लिए 2011 में नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली लॉ क़ानून बनाया गया। अब हम इसे 3 साल और आगे बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाए हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों, जे जे कालोनियों और दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर निर्माण के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से और तीन वर्षो के लिये सुरक्षा प्रदान करने वाले अध्यादेश को बुधवार को मंजूरी दी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (विशेष प्रावधान) संशोधन अध्यादेश इस संबंध में 2011 में बनाये गए पहले कानून का विस्तार है। सरकार ने इसे 2014 में तीन वर्षों के लिए और फिर 2017 में भी तीन वर्षो के लिये बढ़ाया था।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि साल 2017 में फिर से बनाये गये कानून की अवधि जल्द समाप्त होने वाली थी और संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जाना है, ऐसे में तीन वर्ष और इस कानून की मियाद को बढ़ाने (दिसंबर 2023 तक) के लिये अध्यादेश लाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों, जे जे कालोनियों और दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर निर्माण को इस आध्यादेश से सुरक्षा प्राप्त होगी । मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह लागू होगा ।
दिल्ली सरकार जल्द फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया करेगी शुरू
दिल्ली में झुग्गी बस्ती वालों को लेकर बीते दिनों दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी बड़ा ऐलान किया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि दिल्ली में रहने वाले बेघर लोगों को जल्द ही फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में बीते दिनों शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और डूसिब के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की थी। सीएम ने डूसिब को निर्देश दिया कि अभी तक जितने फ्लैट बन चुके हैं, उन फ्लैट्स को झुग्गी में रह रहे लोगों को जल्द से जल्द आवंटित कर दिया जाएं। बेघर लोगों के लिए तीन चरणों में 89,400 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया है। यह फ्लैट 237 एकड़ भूमि में बनाए जाएंगे। दिल्ली सरकार पहले चरण में 41,400 फ्लैट बनाएगी। यह 41,400 फ्लैट दिल्ली सरकार के पास वर्तमान में उपलब्ध खाली जमीन पर बनाए जाएंगे।
दूसरे चरण में 18,000 फ्लैट बनाए जाएंगे
दूसरे चरण में 18,000 फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार के पास जो जमीन उपलब्ध है, अभी उस जमीन का लैड यूज दूसरी कैटेगरी में है, इसलिए सरकार एमसीडी से पहले उस जमीन का लैंड यूज बदलवाएगी और इसके बाद इन फ्लैट्स का निर्माण कराएगी। वहीं, दो चरणों में तैयार किए गए 59,400 फ्लैट में पहले बेघर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा। उनके शिफ्ट होने के बाद जो जमीन खाली होगी, उसमें तीसरे चरण के तहत 30,000 फ्लैट बनाए जाएंगे। तीनों चरण में फ्लैट निर्माण का कार्य 2022 से 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
डूसिब की खाली भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा
डूसिब की खाली भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में 41,400 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके लिए डूसिब के पास 221 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जिसमें से वर्तमान में 115 एकड़ भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण करने के लिए विचार किया गया है। सावधा घेरवा में भी 106 एकड़ जमीन है, जिसे बाद में ले लिया जाएगा। यह भी निर्णय हुआ है कि फ्लैटों के निर्माण के लिए जल्द से जल्द आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी। आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द करने का निर्देश दिया गया है, ताकि योजना को गति दी जा सके। इसके बाद प्रस्तावित फ्लैटों की ले-आउट योजनाओं की स्वीकृति दी जाएगी।
सभी फ्लैट बहुमंजिला होंगे, इतना होगा आकार
यह सभी फ्लैट बहुमंजिला होंगे। इसका एफएआर 400 और प्रति हेक्टेयर घनत्व 900 डी यू होगा। प्रत्येक 8000 घरों में पांच अलग-अलग टेंडर होंगे। ईपीसी अनुबंध और काम के आवंटन के लिए निविदाएं ली जाएंगी। यह प्रक्रिया 31 मार्च 2021 तक पूरा कर ली जाएगी। जिस एजेंसी को फ्लैट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसे अनुबंध के 24 महीने यानि 31 मार्च 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करना होगा। इन फ्लैटों की अनुमानित लागत करीब 3312 करोड़ रुपए है और प्रत्येक फ्लैट को बनाने में करीब 8 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, "जहां झुग्गी, वहीं मकान पॉलिसी दिल्ली सरकार की प्रमुख पॉलिसी में से एक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेघर लोगों के लिए फ्लैट्स का निर्माण समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाए, ताकि उन्हें आश्रय प्रदान किया जा सके। साथ ही किसी कीमत पर झुग्गी से पांच किलोमीटर के दायरे में ही मकान मिले।"