नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ओएमए सलाम ने दिल्ली पुलिस साइबर सेल के दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख जफरुल इस्लाम खान के घर पर छापे की कड़ी निंदा की है। पीएफआई के अध्यक्ष ने कहा, "दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई ने नागरिक शालीनता की सभी सीमाओं को पार कर दिया है। पुलिस का इस्तेमाल भाजपा सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के असंतोष को कुचलने के लिए किया जा रहा है।"
ओएमए सलाम ने आगे कहा, यह वास्तव में एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है कि एक सम्मानित व्यक्ति जो एक वैधानिक पद पर आसीन है, द्वारा सिर्फ एक बयान उनके आवास पर पुलिस छापे का बहाना बन जाता है। छापेमारी के लिए कोई तार्किक स्पष्टीकरण नहीं है। यह स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि इस तरह का कृत्य केवल डा. खान को परेशान करने और दूसरों को चेतावनी देने के लिए किया जाता है।"
बता दें कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने कल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख जफरुल इस्लाम खान के घर पर छापा मारा था। इस्लाम पर सोशल मीडिया पर देशद्रोह संबंधी कथित टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी के सूत्रों ने कहा, "टीम को इस्लाम के उस मोबाइल फोन की तलाश थी जिसे उसने सोशल मीडिया पोस्ट के लिए इस्तेमाल किया था।"
इस्लाम की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, "यह छापा मारा गया था और पुलिस टीम अब चली गई है। हमने उनसे कानून के मुताबिक कार्य करने को कहा है।" वृंदा ग्रोवर ने एक बयान में कहा, "आपको बताया जा चुका है कि डा. जफरुल इस्लाम 72 वर्षीय सीनियर सिटिजन हैं और उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं जिससे उन पर कोविड-19 का ज्यादा खतरा है। "
उन्होंने एक बयान में कहा कि कानून के मुताबिक 65 साल से ऊपर के व्यक्ति से पूछताछ उनके घर पर ही की जा सकती है और उन्हें पुलिस स्टेशन आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। खान ने 28 अप्रैल को एक फेसबुक पोस्ट में विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।