नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए नवीनतम BIS मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जनवरी में दो सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसने दिल्ली सरकार को "संशोधित बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण और परिवहन और विपणन पर प्रतिबंध लगाने" के आदेश जारी करने का निर्देश देने का सुझाव दिया था।
NGT ने घटिया साबुन और डिटर्जेंट के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान शुरू करने का भी निर्देश दिया था।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा कि दिल्ली में साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन सुविधाओं से संबंधित दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण रखने वाले स्थानीय निकायों, नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निगरानी और औचक निरीक्षण के माध्यम से निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने संबंधित अधिकारियों से किए गए निरीक्षणों और बाद में की गई कार्रवाई की मासिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
विशेषज्ञों ने यमुना नदी में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक कारण साबुन और डिटर्जेंट को बताया है। कई बार, दिल्ली में नदी की सतह पर तैरते जहरीले झाग के दृश्य भी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की मात्रा अधिक हो जाती है, जो यमुना में जहरीले झाग के बनने का प्राथमिक कारण है।