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Hindi News दिल्ली Pollution: दिल्ली का अपना प्रदूषण सेफ लिमिट में, पड़ोसी राज्यों ने नहीं की अपने किसानों की मदद- केजरीवाल

Pollution: दिल्ली का अपना प्रदूषण सेफ लिमिट में, पड़ोसी राज्यों ने नहीं की अपने किसानों की मदद- केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का अपना प्रदूषण सेफ लिमिट में है। पिछले 3-4 दिन से प्रदूषण बढ़ने लगा है क्योंकि आस-पास के राज्यों में राज्य सरकारों ने अपने किसानों की मदद नहीं की। इसलिए किसान पराली जलाने के लिए मज़बूर हैं।

pollution in delhi arvind kejriwal announces Red Light on Gaadi off initiative दिल्ली: 18 अक्टूबर से- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली: 18 अक्टूबर से होगी 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत

नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण का ठिकरा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों के सिर पर फोड़ दिया है। अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली का अपना प्रदूषण सेफ लिमिट में है। पिछले 3-4 दिन से प्रदूषण बढ़ने लगा है क्योंकि आस-पास के राज्यों में राज्य सरकारों ने अपने किसानों की मदद नहीं की। इसलिए किसान पराली जलाने के लिए मज़बूर हैं।

इस दौरान उन्होंने 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू करने का भी ऐलान किया। केजरीवाल ने कहा, "हमने पिछले साल 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' पहल शुरू की थी। यह 18 अक्टूबर से फिर से शुरू हो जाएगा, जैसे ही आप रेड सिग्नल पर रुकते हैं, अपने वाहन के इंजन को बंद कर दें। आप आज ही शुरू कर सकते हैं, हालांकि इसे औपचारिक रूप से 18 तारीख को लॉन्च किया जाएगा।"

उन्होंने कहा कि हमें सप्ताह में कम से कम एक बार अपना वाहन नहीं निकालने और मेट्रो, बस, या दूसरों के साथ वाहन शेयर करने का निर्णय लेना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम ऐसा करते हैं तो प्रदूषण को कम किया जा सकता है और ईंधन की बचत की जा सकती है।  

NGT ने भारी मशीनों के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई का दिया निर्देश
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को यहां दक्षिण-पूर्व जिले में निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार तथा भारी मशीनरी के उपयोग से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीपीसीसी से इन कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया , ताकि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिले।

पीठ ने कहा, "डीपीसीसी को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अन्य प्राधिकारियों के समन्वय से कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने दें। आवेदक द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार, ‘रजिस्ट्री’, ईमेल/व्हाट्सएप द्वारा भी नोटिस जारी कर सकती है।"

डीपीसीसी के वकील ने कहा कि उल्लंघन पाए गए हैं और क्षतिपूर्ति का आकलन किया गया है, दिल्ली पुलिस और एसडीएम (उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट) के साथ समन्वय करके आगे की कार्रवाई की जानी है। एनजीटी ने अपने आठ अक्टूबर के आदेश में कहा कि एसडीएम का यह कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए भूमि-मालिक एजेंसी दिल्ली विकास प्राधिकरण जिममेदार है, यह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि प्रदूषणकारी गतिविधि को वैधानिक नियामकों द्वारा रोका जा सकता है, भले ही भूमि का मालिक कोई भी हो।