नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक इमरान हुसैन से उन पर ऑक्सीजन की जमाखोरी एवं वितरण के आरोप लगाने वाली एक याचिका पर जवाब मांगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता इमरान हुसैन को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब दाखिल करने के साथ ही कल यानि 8 मई को अदालत में पेश होने के लिए कहा है।
अदालत में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें AAP नेता इमरान हुसैन पर ऑक्सीजन बांटने का आरोप लगाया गया है साथ ही यह भी कहा गया है कि वह ऑक्सीजन जमा कर रहे हैं।दिल्ली सरकार के स्थायी वकील ने उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि ऑक्सीजन की जमाखोरी के दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष शुक्रवार को एक याचिका सुनवाई के लिए आई जिसमें नेताओं पर ऑक्सीजन की जमाखोरी करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने कोविड-19 मरीजों के लिए जनता को ऑक्सीजन वितरित करने के दावे पर आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक इमरान हुसैन से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने इस याचिका पर दिल्ली सरकार और कैबिनेट मंत्री हुसैन को नोटिस जारी किये हैं। हुसैन को शनिवार को सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
अदालत ने कहा कि यह देखना होगा कि विधायक को ऑक्सीजन कहां से मिल रही थी क्योंकि गुरुद्वारे भी ऑक्सीजन वितरित कर रहे हैं। अदालत ने कहा, “उन्हें संभवत: फरीदाबाद से यह मिल रही है, आपको कई समस्या नहीं होनी चाहिए अगर वह आवंटित स्रोत में से इसे नहीं ले रहे हैं और अपने सिलेंडरों की व्यवस्था खुद कर रहे हैं।”
याचिकाकर्ता के वकील ने हुसैन द्वारा ऑक्सीजन वितरण से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट दिखाया और दलील दी कि इसकी जमाखोरी की जा रही है। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि भले ही भाजपा नेता गौतम गंभीर हों या आप विधायक इमरान हुसैन, अगर किसी तरह के उल्लंघन की जानकारी मिलती है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। गंभीर ने इससे पहले ट्वीट किया था कि कोविड-19 मरीजों के लिए अहम मानी जाने वाली कुछ दवाइयां उनके कार्यालय में उपलब्ध हैं और जिन्हें जरूरत है, वे वहां से ले सकते हैं। उन्होंने यह भी ट्वीट किया था कि उन्होंने ऑक्सीजन सांद्रकों का प्रबंध किया है और जिन्हें जरूरत हो वे इन्हें ले सकते हैं।