A
Hindi News दिल्ली 'निकम्मापन छिपाने के लिए केजरीवाल ने नहीं दी यमुना घाट पर छठ पूजा की इजाजत', प्रवेश वर्मा का आरोप

'निकम्मापन छिपाने के लिए केजरीवाल ने नहीं दी यमुना घाट पर छठ पूजा की इजाजत', प्रवेश वर्मा का आरोप

वर्मा ने कहा, "आज वह पंजाब, उत्तरांचल में चुनाव लड़ने जा रहे हैं, गोवा में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। क्या उन्हें इन भाइयों-बहनों का दर्द नहीं दिखाई देता, इन्होंने उन्हें इतना वोट दिया, तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बनाया।"

'निकम्मापन छिपाने के लिए केजरीवाल ने नहीं दी यमुना घाट पर छठ पूजा की इजाजत', प्रवेश वर्मा का आरोप- India TV Hindi Image Source : PTI 'निकम्मापन छिपाने के लिए केजरीवाल ने नहीं दी यमुना घाट पर छठ पूजा की इजाजत', प्रवेश वर्मा का आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी के घाट पर छठ पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा लगातार दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को इंडिया टीवी के कार्यक्रम "मुकाबला" में कई सवाल उठाए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया। प्रवेश वर्मा ने कहा, "मैं अभी यहां मां यमुना नदी के सामने खड़ा हूं, यहां पर बहुत बड़े-बड़े झाग दिखाई दे रहे हैं। जब आप हरियाणा के बॉर्डर पर जाएंगे, यह झाग वहां दिखाई नहीं देते हैं, यूपी के बॉर्डर पर दिखाई नहीं देते हैं, यह केवल हरियाणा से जब दिल्ली के अंदर 5 किलोमीटर पानी आ जाता है, तो आसपास के जो इंडस्ट्रियल एरिया हैं, जो आसपास के उद्योग हैं, वहां से उनका सारा वेस्टेज यहां आता है। यहां ना तो कोई ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं, ना कोई दीवार है। मैं यह पूछना चाहता हूं कि 2300 करोड़ रुपया, जो खर्च (यमुना की सफाई पर) किया गया है, केवल कोई एक ईंट, कोई एक पत्थर ही मुझे दिखा दे जो अरविंद केजरीवाल ने यहां लगाया हो, कोई एक दीवार दिखा दे जो खड़ी की हो, कोई पुल दिखा दे जो बनाया हो, कोई ट्रीटमेंट प्लांट दिखा दे जो बनाया हो।"

प्रवेश वर्मा ने कहा, "छठ का इतना बड़ा महापर्व है, लाखों लोग यहां आते थे, यह पूरा घाट भरा रहता था। इसके ऊपर प्रतिबंध लगा दिया, वह इसीलिए लगाया क्योंकि अरविंद केजरीवाल विधानसभा चुनाव में बोलते थे कि मैं यहां पर डुबकी लगाऊंगा लेकिन वह आज डुबकी नहीं लगा सकते क्योंकि, यह मां यमुना काली है, मैली है। कोई भी डुबकी नहीं लगा सकता, कोई डुबकी लगाएगा तो बीमार हो जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने सोचा कि मैं यहां पर प्रतिबंध लगा दूंगा, छठ की पूजा की परमिशन नहीं दूंगा क्योंकि लाखों लोग आएंगे और वह देखेंगे कि कितना निकम्मापन है, 2300 करोड़ रुपए खर्च कर दिए और अभी भी कूड़ा है, अभी भी कीचड़ है, अभी भी काला है, अभी भी केमिकल है।"

उन्होंने कहा, "आज सुबह दिल्ली जल बोर्ड का एक टैंकर यहां आता है, एक कर्मचारी पानी की बौछार मारता है ताकि झाग सारे खत्म हो जाएं, यह निकम्मापन नहीं है तो क्या है? नदी के ऊपर में टैंकर से पानी डाला जा रहा है, क्या नदी के ऊपर टैंकर से पानी डालेंगे? क्या बौछार से केमिकल के झाग खत्म करके केमिकल का प्रदूषण खत्म हो जाएगा? वह पानी के अंदर ही जाएगा। यह तो और बड़ा गुनाह है कि लोगों को दिखाई नहीं देगा कि झाग है, केमिकल है और वह डुबकी लगाए जाएंगे और उसमें मर जाएंगे। इससे बड़ा पाप और क्या हो सकता है? प्रवेश वर्मा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल 3 महीने से सोये हुए हैं, क्या उन्हें नहीं पता था कि दिवाली आने वाली, छठ आने वाली है।"

वर्मा ने कहा, "आज वह पंजाब, उत्तरांचल में चुनाव लड़ने जा रहे हैं, गोवा में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। क्या उन्हें इन भाइयों-बहनों का दर्द नहीं दिखाई देता, इन्होंने उन्हें इतना वोट दिया, तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बनाया। मगर डीडीए की बैठक में वह एक प्रस्ताव नहीं लेकर आ पाए कि मैं यहां पर वॉलिंटियर्स लगाऊंगा, प्रशासन लगाऊंगा, सारे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन का पालन करते हुए छठ मनाई जाएगी। दौरा करते, प्रशासन को लेकर आते, सभी भाई-बहनों की चिंता करते। उन्हें कोई चिंता ही नहीं है। एक बार इनकी वोट ले ली तो उसके बाद सब खत्म हो गया। दो महीने बाद अगर दिल्ली में विधानसभा चुनाव होता तो आज अरविंद केजरीवाल की यहां से लाइव आरती चल रही होती, जो पूरे देश में दिखाई जाती।"