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Hindi News दिल्ली इस्तीफे के बाद लवली का छलका दर्द, बोले- "पद से इस्तीफा दिया पार्टी से नहीं"; AAP को लेकर कही ये बात

इस्तीफे के बाद लवली का छलका दर्द, बोले- "पद से इस्तीफा दिया पार्टी से नहीं"; AAP को लेकर कही ये बात

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा है कि उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में काम करने के लिए तैयार हूं। अगर वे मुझे नहीं चाहते हैं तो यह एक अलग मामला है।

इस्तीफे के बाद लवली का छलका दर्द।- India TV Hindi Image Source : IANS इस्तीफे के बाद लवली का छलका दर्द।

नई दिल्ली: एक तरफ जहां बीते दिनों कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो वहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी रविवार को अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है उन्होंने सिर्फ दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। उनका कहना है कि वह अभी भी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और वह पार्टी के लिए काम करेंगे। दरअसल, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन होने पर नाराजगी जाहिर की थी।

'4 घंटे में मजूर हुआ इस्तीफा'

वहीं आज सोमवार तो दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर अरविंदर सिंह लवली ने फिर से बयान दिया है। उन्होंने कहा कि " मैंने अपने अध्यक्ष को 4 पेज का इस्तीफा दिया था उसे 4 घंटे में ही मंजूर कर लिया गया तो उनको ये लगता होगा इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं कहता हूं कि जो कार्यकर्ता नाराज हैं उन्हें मनाना चाहिए लेकिन वो कहते हैं कि उसको पार्टी से निकालना चाहिए। अगर अपने लीडर्स की फोटो नहीं लगा सकते हैं और वो भी केजरीवाल की फोटो लगा रहे हैं और हम भी केजरीवाल की फोटो लगा रहे हैं तो फिर तो हम अपनी दुकान बंद ही कर दें।"

'कार्यकर्ता के रूप में करूंगा काम'

अरविंदर सिंह लवली से जब पूछा गया कि हाईकमान से कहां गलती रह गई तो उन्होंने कहा कि "गलती नहीं रह गई है, ऐसा नहीं है कि मैं बहुत समझदार हूं और वो समझदार नहीं है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सवाल सिर्फ इतना है कि पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) की गरिमा बनाए रखने की जरूरत है। आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की घोषणा करने से पहले कम से कम अनौपचारिक रूप से पीसीसी को सूचित किया जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं पीसीसी अध्यक्ष के रूप में उस तरह काम नहीं कर सकता, लेकिन अगर वे मुझे अनुमति देते हैं तो मैं कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में काम करने के लिए तैयार हूं। अगर वे मुझे नहीं चाहते हैं तो यह एक अलग मामला है। मैंने सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है कांग्रेस से नहीं।"

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